हॉकी विश्व कप में भारत का शानदार प्रदर्शन जारी है. भारतीय टीम चार अंकों के साथ ग्रुप सी में शीर्ष पायदान पर है, वहीं ओलिंपिक सिल्वर मेडलिस्ट बेल्जियम भी चार अंकों के साथ दूसरे स्थान पर हैं, लेकिन भारतीय टीम का गोल औसत बेहतर है. शनिवार को भारतीय टीम क्वार्टरफाइनल में जगह पक्की करने के इरादे से कनाडा के सामने उतरेगी, लेकिन उसे अंतिम आठ में सीधा प्रवेश दिन मिलने के बीच बेल्जियम और साउथ अफ्रीका का मुकाबला है. अगर बेल्जियम साउथ अफ्रीका को बड़े अंतर से हराने में सफल हो जाता है और भारत कनाडा को कम अंतर से हराती है तो भारत को मजबूरन क्रॉस ओवर खेलना पड़ सकता है.
भारत का गोल औसत प्लस पांच है जबकि बेल्जियम का प्लस एक है. कनाडा और साउथ अफ्रीका के दो मैचों में एक एक अंक है, लेकिन बेहतर गोल औसत के आधार पर कनाडा तीसरे स्थान पर है.
भारत का पलड़ा भारी
भारत ने पहले मैच में साउथ अफ्रीका को 5- 0 से हराया और बेल्जियम से 2-2
से ड्रा खेला. कनाडा को बेल्जियम ने 2-1 से हराया और कनाडा ने साउथ अफ्रीका से 1-1 से ड्रॉ खेला.
पूल में अभी भी सभी टीमों के लिए दरवाजे खुले हैं लिहाजा मेजबान टीम कोई
कोताही नहीं बरतते हुए जीत दर्ज करके सीधे अंतिम आठ में पहुंचना चाहेगी.
दूसरे और तीसरे स्थान की टीमें दूसरे पूल की दूसरी तीसरी टीमों से क्रॉसओवर
खेलेंगी, जिससे क्वार्टर फाइनल के बाकी चार स्थान तय होंगे. रिकॉर्ड और फॉर्म को देखते हुए भारत का पलड़ा भारी लग रहा है, लेकिन गुरुवार को दुनिया की 20वें नंबर की टीम फ्रांस ने ओलिंपिक चैंपियन अर्जेंटीना को पूल ए के मुकाबले में हरा दिया, जिसको देखकर उलटफेर की भी संभावना हो सकती है.
भारत को याद करना होगा ओलिंपिक का मैच
यहां मेजबान कनाडा को हल्के में लेने की भूल नहीं कर सकती. टीम को रियो
ओलिंपिक 2016 का पूल मैच एक बार याद करने की जरुरत है, जहां कनाड़ा ने
पिछड़ने के बाद वापसी की और भारत के साथ ड्रॉ खेला. इसके अलावा लंदन में
पिछले साल हॉकी विश्व लीग सेमीफाइनल में कनाडा ने भारत को 3-2से हराकर
पांचवां स्थान हासिल किया था. कनाडा के खिलाफ भारत ने 2013 से अब तक पांच मैच खेले, तीन जीते, एक हारा और एक ड्रॉ रहा.
डिफेंस को रहना होगा अधिक सतर्क
भारतीय फारवर्ड पंक्ति मनदीप सिंह, सिमरनजीत सिंह , आकाशदीप सिंह और
ललित उपाध्याय पर अच्छे प्रदर्शन का दबाव होगा. कप्तान मनप्रीत सिंह की अगुवाई में भारतीय मिडफील्ड ने अभी तक अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन डिफेंस को अधिक सतर्क होने की जरुरत है. आखिरी क्षणों में गोल गंवाने की आदत से भी भारत को पार पाना होगा. बेल्जियम के खिलाफ आखिरी चार मिनट में गोल गंवाने के कारण भारत को ड्रॉ खेलने पर मजबूर होना पड़ा. चोट के बाद वापसी करने वाले पीआर श्रीजेश पुराने फॉर्म में नहीं लग रहे हैं.
भारतीय टीम खेलेगी आक्रामक हॉकी
भारतीय कोच हरेंद्र सिंह ने कहा कि वर्तमान कनाडा के खिलाफ मैच है जिससे पूल में हमारा भाग्य तय होगा. उन्होंने कहा कि कनाडा के सामने टीम को मौको के लिए इ्ंतजार करना होगा. उन्होंने कहा कि टीम आक्रामक हॉकी ही खेलेगी जो अब उनकी आदत बन चुकी है. इसमें कोई बदलाव नहीं होगा.
एजेंसी इनपुट के साथ