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जिसके लिए खेलने का मतलब है अपना घर

हॉकी इंडिया लीग के पैसों से घर बनवाएंगे अजित पांडेय

FP Staff

खेल एक शौक से शुरू होता है. फिर जुनून बनता है. जुनून में जरूरत भी शामिल होती जाती है. ऐसा ही कुछ हॉकी खिलाड़ी अजित कुमार पांडेय के लिए है. अजित उस टीम का हिस्सा थे, जिसने हालिया दिनों में जूनियर वर्ल्ड कप जीता. अब वो तैयार हैं हॉकी इंडिया लीग में हिस्सा लेने के लिए. अजित के लिए लीग खेलने का मतलब है अपना घर बनाना.

जेपी पंजाब वॉरियर्स टीम में अजित भारत के स्टार मिडफील्डर सरदार सिंह के साथ खेलेंगे. 21 साल के अजित के पिता ड्राइवर हैं. हॉकी ने उन्हें एक बेहतर जिंदगी की उम्मीद दी है. उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के करमपुर गांव से हैं अजित. उन्होंने वहां एक एकेडमी में खेल सीखा. अजित को 41 हजार अमेरिकी डॉलर में जेपी पंजाब वॉरियर्स ने लिया था. उनका कहना है, ‘ये पैसे मेरे लिए घर बनाने के काम आएंगे.’


अजित ने कहा, ‘मेरे पास अपना घर नहीं है. मैं गरीब घर से हूं. मेरी पांच बहन और एक भाई हैं. मैं सबसे छोटा हूं. मैंने हमेशा परिवार को पैसों के लिए संघर्ष करते देखा है. अब ऐसा लगता है कि दिन बदल जाएंगे.’

अजित भारतीय रेलवे के दक्षिण मध्य डिवीजन में क्लर्क हैं. उनका कहना है कि परिवार ने कभी नहीं सोचा था कि मैं हॉकी खेल के इतने पैसे कमा सकता हूं. भारतीय जूनियर टीम के कोच हरेंद्र सिंह का कहना है कि अगर अजित ने मेहनत जारी रखी, तो वो सीनियर टीम का अहम हिस्सा बन सकते हैं.

अजित के पिता जयप्रकाश गाजीपुर में तेज बहादुर सिंह के ड्राइवर हैं. तेज बहादुर की वजह वजह से ही  अजित ने हॉकी खेलना शुरू किया. तेज बहादुर सिंह की एकेडमी है, जिसमें उन्होंने अजित को रखा. तेज बहादुर को अजित अपना गुरु मानते हैं. वो कहते हैं, ‘उन्होंने मुझे हॉकी स्टिक, जूते और जो कुछ भी जरूरत थी, सब मुहैया करवाया.’

जेपी पंजाब व़ॉरियर्स को अपना पहला मैच 27 जनवरी को दबंग मुंबई के खिलाफ खेलना है. 2014 में पहली बार भारतीय कैंप में आए और 2016 में जूनियर टीम के साथ इंटरनेशनल करियर की शुरुआत करने वाले अजित को अब सीनियर स्तर पर खेलने का इंतजार है.