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हॉकी इंडिया लीग: 2018 की जगह अब साल 2019 में खेला जाएगा छठा सीजन

चेयरमैन मो. मुश्ताक अहमद ने बताया कि अब समय आ गया था कि इस टूर्नामेंट का रिव्यू किया जाए

FP Staff

पांच लगातार सीजन के आयोजन और हॉकी फैंस के दिल में जगह बनाने वाली हॉकी इंडिया लीग का अगला सीजन 2018 की जगह अब 2019 में होगा. टूर्नामेंट की गवर्निंग कमेटी और हॉकी इंडिया ने फैसला किया है कि टूर्नामेंट का छठा सीजन 2018 की जगह साल 2019 में होगा.

पांच साल के सफल आयोजन के बाद इस लीग से भारत को कई शानदार खिलाड़ी मिले हैं. जिसकी वजह से सीनियर टीम के साथ जूनियर हॉकी टीम के प्रदर्शन में भी सुधार देखने को मिला है.


लीग के चेयरमैन मोहम्मद मुश्ताक अहमद ने बताया कि अब समय आ गया था कि इस टूर्नामेंट का रिव्यू किया जाए. हम देखना चाहते हैं कि इस लीग को कितनी सफलता मिली है और अब हम नए सुधार के साथ वापसी करना चाहते हैं. हमने ये फैसला सभी पार्टी और कॉमर्शियल पार्टनर से सलाह के बाद लिया है.

मोहम्मद मुश्ताक ने साफ किया है कि ये लीग सिर्फ एक साल नहीं होगी. साल 2019 में लीग वापस होगी. साल 2018 में कई बड़े इंटरनेशनल टूर्नामेंट होने वाले हैं जिसकी वजह से इंटरनेशनल खिलाड़ियों के लिए इस लीग में खेलना मुश्किल होता. इसके लिए सबसे अच्छा तरीका यही है कि साल 2018 में लीग का आयोजन ना हो. हम विश्वास दिलाना चाहते है कि साल 2019 हम नई सोच और फॉर्मेट के साथ वापसी करेंगे.

इस लीग के आयोजन के बाद से भारत का हॉकी खेलने का स्तर काफी बढ़ा है. युवा खिलाड़ियों अनुभवी देसी और विदेशी खिलाड़ियों के साथ खेलते हैं जिसका फायदा उन्हे अपने खेल के स्तर को सुधारने में मिलता है. इस लीग की वजह से भारतीय हॉकी टीम का प्रदर्शन भी काफी सुधरा है.

इससे पहले खबर थी कि 2018 में विश्व की सबसे बड़ी हॉकी लीग नहीं खेली जाएगी. कहा यही जा रहा है कि लीग में शामिल कुछ फ्रेंचाइजी खुश नहीं हैं. वे हटना चाहती हैं. इसी वजह से लीग न कराने का फैसला किया गया है.

ब्लॉग नॉट द फुटी शो में हॉकी कमेंटेटर एश्ली मॉरिसन के मुताबिक हॉकी इंडिया ने इंटरनेशनल हॉकी फेडरेशनल (एफआईएच) को लिख दिया है कि लीग अगले साल नहीं होगी.

हॉकी इंडिया लीग पिछले कुछ समय से संकट में दिख रही थी. खासतौर पर दिल्ली वेवराइडर्स के मालिक पोंटी चड्ढा की हत्या और सहारा इंडिया परिवार के संकट में घिरने के बाद. सहारा इंडिया परिवार आधिकारिक तौर पर यूपी विजर्ड्स की मालिक है. लेकिन हर कोई जानता है कि महेंद्र सिंह धोनी के नाम पर खरीदी गई रांची रेज भी सहारा इंडिया परिवार की टीम जैसी ही है.

इन तीन टीमों के अलावा जेपी ग्रुप भी पिछले कुछ समय से आर्थिक संकट से गुजर रहा है. जेपी पंजाब वॉरियर्स टीम उसने ही खरीदी थी. 2018 के लिए लीग में सात टीमें होनी थीं. सातवीं टीम बेंगलुरु की होनी थी, जिसे जेएसडबल्यू ने लेने का फैसला किया था.

माना यह जा रहा है कि दिल्ली वेवराइडर्स की लीग में रुचि नहीं रही है. वे 2017 के सीजन में भी नाखुश थे. टीम के साथ जुड़े जॉन अब्राहम 2017 के सीजन में एक बार भी टीम के मुकाबले के दौरान नहीं आए थे. वेवराइडर्स के मालिक पोंटी चड्ढा के पुत्र मोंटी चड्ढा भी इस सीजन में नहीं दिखे थे.