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रिकॉर्ड तोड़ने से पहले अपने गांव में शराब की दुकानें भी तोड़ चुकी हैं हिमा दास

18 साल की हिमा दास ने अंडर 20 वर्ल्ड चैंपियनशिप की 400 मीटर रेस में जीता है गोल्ड मेडल

FP Staff

पहली बार भारत को वर्ल्ड लेवल पर एथलेटिक्स में गोल्ड मेडल दिलाने वाली हिमा दास को तो देश ने भले ही अब जाना है लेकिन उनके गांव और आसपास के इलाकों में वह पहले से मशहूर रही हैं. 18 साल की हिमा भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतने का रिकॉर्ड तोड़ने से पहले अपने गांव के आसपास के जगह में मौजूद शराब की दुकानों को तोड़ने का अभियान चला चुकी हैं,

समाचार पत्र टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक हिमा के गांव के लोग ने बताया है कि एक वक्त था जब उनके गांव और आसपास के इलाके में शराब की कई दुकानें थीं. हिमा ने गांव वालों के साथ मिलकर इन दुकानों को तोड़ने का अभियान चलाया और इसे कामयाब भी बनाया.


लोगों ने बताया है कि हिमा कभी भी अपने आसपास की सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आवाज उठाने से डरती नहीं हैं. असम के छोटे से गांव ढिंग के लोग हिमा को 'ढिंग एक्सप्रैस' के नाम से बुलाते हैं और हिमा वहां के बच्चों की रोल मॉडल हैं.

हिमा ने अंडर 20 वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 400 मीटर की रेस में गोल्ड मेडल जीत कर इतिहास रचा है. इससे पहले कभी भी कोई भी भारतीय एथलीट ट्रैक के इवेंट में भारत के लिए गोल्ड मेडल हासिल नहीं कर सका है.