हरियाणा के खेल और युवा कार्यक्रम मंत्रालय ने हरियाणा के खिलाड़ीयों से संबंधित एक नई पॉलिसी तैयार की है. जिसमें मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को नौकरी देने की बात की गई है. अब तक मेडल विजेताओं को जीतने के बाद इनामी राशी ही मिलती थी, लेकिन हरियाणा सरकार ने शानदार पहल करते हुए एक नई पॉलिसी लागू की है.
मेडल जीता तो बनेंगे एचआरएस और एचपीएस
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक इस पॉलिसी के मुताबिक ओलिंपिक, कॉमनवेल्थ गेम्स, वर्ल्ड चैंपियनशिप, एशियन गेम्स जैसे विश्व स्तरीय प्रतिस्पर्धाओं में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को सीधे हरियाणा पुलिस सेवा (एचपीएस) और हरियाणा प्रशासनिक सेवा (एचआरएस) के तौर पर नियुक्त करने की बात कही गई है. साथ ही कई प्रतिस्पर्धाओं में क्वार्टरफाइनल में क्वालिफाई करने वाले खिलाड़ियों को भी ग्रुप ए, ग्रुप बी, और ग्रुप सी के आधार पर नौकरियां दी जाएंगी.
विकलांग खिलाड़ी भी मेडल जीते तो बनेंगे एचपीएस और एचआरएस
इस पॉलिसी की सबसे खास बात यह है कि इसके तहत विकलांग खिलाड़ियों को, जो कि अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं जैसे पैराओलिंपिक जैसे टूर्नामेंट में भारत की ओर से मेडल जीतते हैं, उनके लिए भी नौकरी सुनिश्चित की जाएगी. अब तक विकलांग खिलाड़ियों के लिए ऐसी सुविधा नहीं थी. प्रस्ताव के मुताबिक जो खिलाड़ी इस आधार पर एचपीएस या एचसीएस बनेगा उसके पद के आगे स्पोर्ट्स ऑनरेरी लिखा जाएगा.
खिलाड़ी अगर राज्य में अकेडमी खोलना चाहेगा तो सरकार देगी जमीन
हरियाणा के खेल एंव युवा कार्यक्रम विभाग के प्रधान सचिव अशोक खेमका द्वारा बनाई गई इस नीति के मुताबिक अगर कोई मेडल विजेता खिलाड़ी राज्य में वर्ल्ड क्लास अकेडमी खोलना चाहता है. तो सरकार उसे लॉन्ग टर्म के आधार पर 10 एकड़ तक जमीन लीज़ पर भी उपलब्ध कराएगी.
हरियाणा खिलाड़ियों से संबंधित ऐसी नीतियां लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. सरकार की यह पॉलिसी ऐसे समय पर आई है जब भारतीय खिलाड़ी गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल जीतने के लिए दमखम लगा रहे हैं. बता दें कि मौजूदा कॉमनवेल्थ दस्ते में कुल 218 में से 31 खिलाड़ी हरियाणा से हैं. वहीं साल 2014 के कॉमनवेल्थ गेम्स में 64 में से 22 मेडल विजेता भी हरियाणा से ही थे.