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'नए कोच हरेंद्र सिंह इतने कम वक्त में हॉकी टीम की तकदीर नहीं बदल सकते हैं'

हॉकी टीम के पूर्व कोच जोकिम कारवाल्हो का बयान- हरेंद्र को कोच बनाने का फैसला सही लेकिन उनके पास वक्त बहुत कम है

Bhasha

हरेंद्र सिंह को भारतीय पुरूष हॉकी टीम का कोच बनाए जाने के बाद  पूर्व कोच जोकिम कारवाल्हो ने इसका स्वागत तो किया है साथ ही चेतावनी भी दी है कि उनके पास ज्यादा वक्त नहीं है लिहाजा उन्हें मुश्किल वक्त का सामना करना पड़ सकता है.

कारवाल्हो ने कहा है,‘ हरेंद्र की नियुक्ति अच्छा कदम है क्योंकि उन्हें आधुनिक भारतीय हाकी की पूरी जानकारी है. एक ही कमी है कि उसके पास एशियाई खेलों और अन्य टूर्नामेंटों के लिये टीम तैयार करने का समय नहीं है.’


भारत को जकार्ता में एशियाई खेल और फिर नवंबर दिसंबर में भुवनेश्वर में वर्ल्ड कप खेलना है .

जर्मनी का उदाहरण देते हुए ओलिंपियन कारवाल्हो ने कहा कि जूनियर टीम के कोच को सीनियर टीम का कोच बनाने का फैसला सही है क्योंकि अधिकांश जूनियर खिलाड़ी ही सीनियर टीम में जाते हैं .

उन्होंने कहा, ‘ हरेंद्र ने बतौर कोच जूनियर विश्व कप जीता है और वह काफी समय से कोचिंग कर रहे हैं .उन्हें जूनियर विश्व कप के तुरंत बाद ही सीनियर टीम का कोच बना देना चाहिए था.’

कारवाल्हो ने कहा,  ‘यह फैसला पहले ले लिया जाता तो सही दिशा में होता . इससे हरेंद्र को टीम तैयार करने के लिये पूरा समय मिल जाता.'

उन्होंने यह भी कहा कि मरीन्ये को महिला टीम का कोच बनाने की बजाय बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए .

उन्होंने कहा,‘ मरीन्ये को पुरूष टीम का कोच बनाया गया और अब महिला टीम में भेज दिया गया. उन्हें बर्खास्त क्यो नहीं किया गया . पुरूष टीम के साथ वह नाकाम रहे और महिला टीम के कोच के रूप में भी कोई शानदार रिकार्ड नहीं है . सिर्फ विदेशी होने के कारण उन्हें बरकरार रखा गया . उन्हें बर्खास्त किया जाना चाहिए था.’