view all

पदक विजेताओं के साथ एयरपोर्ट पर बदसलूकी

तमाम शूटर्स को दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर रोका गया, हथियारों के साथ बाहर आने की इजाजत नहीं

FP Staff

देश के लिए गौरव लेकर आए शूटर जब अपने देश पहुंचे, तो उन्हें घंटों इंतजार कराया गया. उन्हें इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर रोका गया. शूटर्स को अपने हथियारों के साथ नहीं जाने दिया गया. ये हालत उस मुल्क ही है, जहां खेलों को बढ़ावा देने की बात लगातार की जाती रही है. लेकिन हकीकत में इसी तरह का सुलूक होता रहा है.

राइफल और पिस्टल शूटर चेक गणराज्य से लौटे हैं. वे प्लेयन शूटिंग ग्रांप्री में हिस्सा लेकर आए हैं. शॉटगर शूटर साइप्रस वर्ल्ड कप से  हिस्सा लेकर लौटे हैं. उन्हें घंटों तक एयरपोर्ट पर रोके रखा गया.


 

गुरप्रीत सिंह, हरप्रीत सिंह, पेंबा तमांग, चैन सिंह, सुशील घाले, सीमा तोमर, काइनन चेनाइ और रिया रागेश्वरी वो शूटर थे, जिन्होंने देश लौटने के बाद ये तकलीफ झेली. अब भी उनके हथियार कस्टम्स के पास हैं. शूटर्स को बताया गया है कि रेवेन्यू इंटेलिजेंस डायरेक्टरेट और कस्टम्स कमिश्नर से बातचीत के बाद ही हथियारों को छोड़ा जाएगा.

एक शूटर ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि हम सुबह चार बजे से एयरपोर्ट पर इंतजार कर रहे हैं. हमें अब भी नहीं पता कि कब सारी बातें खत्म होंगी. हमें बड़ा दुख होता है जब अपने ही मुल्क में इस तरह की बातें होती हैं.

आमतौर पर भारतीय शूटर्स के पास नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) का पत्र होता है. इसमें शूटर के नाम, हथियों की डिटेल वगैरह होती है. देश से जाने पर कस्टम ऑफिसर पत्र के साथ हथियारों का मिलान करते हैं और स्टैंप लगा देते हैं. यही पत्र वापसी में दिखाना काफी होता है.

हालांकि मंगलवार को ऐसा नहीं हुआ. एक शूटर ने कहा, ‘पहले हमें ऑफिस में इंतजार करने को कहा गया. फिर हमें पता चला कि ऑफिसर दस बजे से पहले नहीं आएंगे. उसके बाद वो आए, तो उन्होंने कहा कि मामला उनके अधिकार से बाहर का है. उसके बाद से कस्टम्स कमिश्नर का इंतजार करते रहे.’ इस लंबे इंतजार का नतीजा ये  हुआ कि चेनाई समेत कई शूटर कनेक्टिंग फ्लाइट से नहीं जा पाए.

शूटर्स को वर्ल्ड कप के लिए भी जाना है, जो म्यूनिख में 17 मई से होगा. ऐसे में एक-एक दिन का अभ्यास और आराम उनके लिए बहुत मायने रखता है.