इस साल खेल की दुनिया में भारत की उम्मीदों को सबसे बड़ा झटका कबड्डी में लगा. एशियन गेम्स में 1990 से शुरू हुई पुरुष कबड्डी में अभी तक भारत का दबदबा रहा था. 1990 से 2014 तक उसने सातों गोल्ड अपने नाम किए थे, लेकिन इस बाद ईरान ने उनकी बादशाहत को तोड़ा. सेमीफाइनल में पुरुष टीम को ईरान ने मात दी. ब्रॉन्ज मेडल के मुकाबले में पाकिस्तान से मात मिली. महिला वर्ग में भी भारत की बादशाहत को ईरान ने ही तोड़ा. अब तक के दोनों गोल्ड अपने नाम करने वाली भारतीय टीम को खिताबी मुकाबले में ईरान ने हराया था और ऐसा पहली बार हुआ जब भारतीय टीम कबड्डी का गोल्ड लेकर घर नहीं आई.
एशियन गेम्स में अभी तक भारत को बैडमिंटन के गोल्ड की आस है. हालांकि यह आस पीवी सिंधु पूरी करने के कगार पर पहुंच गई थी. लेकिन फाइनल में ताइ जू यिंग ने भारत की इस उम्मीद को तोड़ दिया था और सिंधु को सिल्वर से संतोष करना पड़ा था. वैसे सिंधु एशियन गेम्स में सिल्वर मेडल जीतने वाली पहली भारतीय शटलर बनी.
भारत को आर्चरी का गोल्ड लगभग मिल ही चुका था. रेंज में भारतीय खेमे में जश्न भी मनने लगा था, लेकिन तभी एक सेकंड में सारी उम्मीद धवस्त हो गई. 2014 की कंपाउंड पुरुष चैंपियन टीम को कुछ देर के लिए शायद समझ भी नहीं आया क्या हुआ. दरअसल रजत चौहान, अमन सैनी और अभिषेक वर्मा की भारतीय पुरुष टीम फाइनल में 34 निशानों के बाद 229-227 से आगे थे. भारत के गोल्ड मेडल जीतने का ऐलान होने ही वाला था कि कोरियन आर्चर्स ने भी कोरियाई आर्चर्स ने अपने के निशानों की फिर से जांच करने की मांग की. जांच हुई और उनका स्कोर 229 हो गया. इसके बाद फैसला शूटऑफ से हुआ. शूट-ऑफ में भी भारत ने कोरिया को बराबरी की टक्कर दी. दोनों टीमों ने 29-29 का स्कोर हासिल किया. लेकिन फिर किस्मत ने अपना रंग दिखाया. शूटऑफ भी बराबर पर रहा और अंतिम फैसले में कोरिया के तीर सेंटर सर्कल में अधिक निकले और इस कारण वह स्वर्ण पदक जीत गई.
इस साल भारत को एक और सबसे बड़ा एशियन गेम्स में ही हॉकी में लगा. भारत के लिए यहां गोल्ड जरूरी था, क्योंकि यह गोल्ड टीम के लिए 2020 टोक्यो ओलिंपिक का टिकट था. लेकिन सेमीफाइनल मुकाबले में ही उसे अपने से सात पायदान निचली रैंकिंग टीम मलेशिया से रोमांचक मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा. शुरुआत तो भारत ने थोक में गोल करने की थी, लेकिन सेमीफाइनल में जीतते रह गई. आखिरी दो मिनट तक भारत ने बढ़त बना रखी थी, लेकिन तभी मलेशिया ने गोल दागकर शूट आउट खेलने को मजबूर कर दिया. जहां वह आखिरी मौके पर चूक गई.