अगले महीने के इंडोनेशिया के शहर जकार्ता में शुरू हो रहे एशियन गेम्स के लिए भारतीय बैडमिंटन टीम में चुनी गई कोच पुलेला गोपीचंद की बेटी गायत्री गोपीचंद के सेलेक्शन पर हुए विवाद के बाद बैडमिंटन एसोसिएशन आफ इंडिया यानी बाइ ने सफाई दी है. बाइ के अध्यक्ष हिमंत बिस्वा सरमा ने इस मसले पर साफ किया है कि गायत्री का चयन मेरिट के आधार पर हुआ है और उन्हें गोपीचंद की बेटी होने की सजा नहीं दी जी सकती.
दरअसल इस बार बाइ ने एशियन गेम्स में दो एक्स्ट्रा महिला सिंगल्स खिलाड़ियों को खिलाने का फैसला किया है जिसके चलते डबल्स की टीम को ड्रॉप कर दिया गया है. इन दो महिला सिंगल्स की खिलाड़ियों में गायत्री गोपीचंद भी शामिल हैं. इस फैसले के बाद डबल्स की खिलाड़ी अपर्णा बालन ने नेशनल कोच गोपीचंद पर हितों के टकराव का आरोप लगाते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया है.
समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रैस से बात करते हुए हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि ‘गायत्री के सलेक्शन में गोपीचंद की कोई भूमिका नहीं है. गोपी तो उन्हें हितों के टकराव की वजह से टीम में नहीं चाहते थे लेकिन मेरा मानना है कि गोपीचंद की बेटी होने की सजा गायत्री को नहीं मिलनी चाहिए.’
बहरहाल बाइ तो गायत्री की सेलेक्शन को लेकर अपने फैसले पर अडिग है ऐसे में देखना होगा कि अदालत का क्या फैसला आता है.