भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट के मैदान पर जो राइवलरी है उसे नए मुकाम पर पहुंचाने में पाकिस्तान के पूर्व बल्लेबाज जावेद मियांदाद की भी बड़ी भूमिका है. साल 1986 में शारजाह में आखिरी गेंद पर छक्का जड़कर भारत के खिलाफ जीत दिलाकर मियांदाद ने दोनों देशों के बीच प्रतिस्पर्धा को एक नया आयाम दिया था.
और अब इन्हीं जावेद मियांदाद का मानना है कि पाकिस्तान के क्रिकेट बोर्ड को भारत के साथ खेलने की बात अब भुला देनी चाहिए.
मियांदाद ने कराची में एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से कहा, ‘वे हमसे नहीं खेलना चाहते, तो ऐसा ही रहेगा. अगर हम भारत से नहीं खेलते तो हमारा क्रिकेट खत्म नहीं होगा. हमें आगे बढ़ना चाहिए और उनके बारे में भूल जाना चाहिए. ’ 124 टेस्ट मैच खेने वाले मियांदाद ने अपने बोर्ड को सलाह दी कि पीसीबी को द्विपक्षीय मैचों के लिये बीसीसीआई से भीख मांगने की कोई जरूरत नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘वे पिछले 10 वर्षों से हमसे नहीं खेले हैं, तो क्या हुआ? क्या हमारा क्रिकेट नीचे चला गया है? नहीं, हमने अच्छा किया है. चैंपियंस ट्राफी में खिताबी जीत इसका उदाहरण है. पाकिस्तान में क्रिकेट खत्म नहीं हो सकता. 2009 के बाद हम बिना इंटरनेशनल क्रिकेट के ही हैं.’ भारत और पाकिस्तान ने 2008 मुंबई आंतकी हमलों क बाद से दोनों देशों के बीच राजनीतिक तनाव के चलते 2012 के बाद से द्विपक्षीय क्रिकेट नहीं खेला है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)