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महज 33 साल की उम्र में हॉकी के चैंपियन कप्तान का निधन

संदीप माइकल की कप्तानी में भारत ने 2003 में जूनियर एशिया कप गोल्ड मेडल जीता था

Bhasha

भारत का हॉकी जगत जहां वर्ल्ड कप शुरू होने का इंतजार कर रहा है वहीं दूसरी ओर हॉकी की दुनिया के एक बेहद दुखभरी खबर आई है. महज 33 साल की उम्र में पूर्व हाकी खिलाड़ी संदीप माइकल का शुक्रवार को किसी अनजान न्यूरोलॉजिकल बीमारी से निधन हो गया. संदीप की कप्तानी में भारतीय जूनियर टीम ने 2003 में एशिया कप में स्वर्ण पदक जीता था.

कर्नाटक राज्य हाकी संघ के सचिव के कृष्णमूर्ति ने पीटीआई को बताया, ‘संदीप का निधन आज दोपहर यहां के एक निजी अस्पताल में हुआ. वह किसी न्यूरोलॉजिकल बीमारी से ग्रसित थे और उन्हें 18 नवंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद वह कोमा में चले गए और फिर होश में नहीं आए.’ कृष्णमूर्ति ने बताया कि माइकल का अंतिम संस्कार शनिवार को सिंगापुरा गिरिजाघर के कब्रिस्तान में होगा.


माइकल के करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि 2003 में भारत को जूनियर एशिया कप का खिताब दिलवाना था. इस टूर्नामेंट में उन्होंने पाकिस्तान और कोरिया जैसी टीमों के खिलाफ अहम मैचों में गोल दागे थे. उन्हें टूर्नामेंट का सबसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी के खिताब से नवाजा गया था. कृष्णमूर्ति ने बताया, ‘उसके पास मैदान के किसी भी हिस्से से गोल करने की क्षमता थी. इस कौशल ने उसे कोचों का चहेता खिलाड़ी बनाया और प्रशंसक भी उसे पसंद करते थे.’

उनके पिता जॉन माइकल राज्य स्तरीय वॉलीबाल खिलाड़ी थे और उनकी मां ट्रैक एवं फील्ड एथलीट के साथ-साथ राज्य स्तरीय खो-खो खिलाड़ी थीं. माइकल के भाई विनीत ने भी 2002 में सब जूनियर हाकी में कर्नाटक का प्रतिनिधित्व किया था. उन्होंने सीनियर टीम के साथ 2003 में ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था।

कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘ इस टूर्नामेंट में उन्हें धनराज पिल्लै की जगह स्थानापन्न खिलाड़ी के तौर पर उतारा गया और उन्होंने दो गोल भी दागे. मुझे याद है पिल्लै ने उसके गोल की तारीफ की थी.'