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जूनियर टेबल टेनिस खिलाड़ियों को पहली बार मिलेगा फुलटाइम फॉरेन कोच

जूनियर मुख्य कोच की नियुक्ति अगले महीने तक की जाएगी, जबकि सीनियर कोच मासिमो कांन्सटेंटीनी के विकल्प की घोषणा दिसंबर तक होगी

FP Staff

भारतीय टेबल टेनिस महासंघ (टीटीएफआई) ने गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स और फिऱ एशियन गेम्स में मिली ऐतिहासिक सफलता को आगे बढ़ाने का फैसला किया है. भारत के सीनियर पैडलर्स के पास विदेशी कोच मासीमो कांन्सटेंटीनी थे, जिन्होंने कामयाबी में बहुत बड़ी भूमिका निभाई. लेकिन अब टीटीएफआई ने सीनियर के साथ जूनियर टीम को भी जल्द ही फुलटाइम विदेशी कोच की सेवाएं देने का फैसला किया है.

हालांकि सीनियर टीम के कोच मासिमो कांन्सटेंटीनी सोमवार को इस्तीफा देकर अपने देश इटली रवाना हो गए हैं. लेकिन टीटीएफआई ने बताया कि जूनियर मुख्य कोच की नियुक्ति अगले महीने तक की जाएगी, जबकि सीनियर कोच मासिमो कांन्सटेंटीनी के विकल्प की घोषणा दिसंबर तक होगी.


टीटीएफआई के महासचिव एमपी सिंह ने बताया कि भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने एशियन गेम्स में शानदार प्रदर्शन के बाद सीनियर और जूनियर टीमों के लिए अलग-अलग विदेशी कोच रखने को स्वीकृति दे दी है. एशियन गेम्स में भारत ने 60 साल में पहली बार टेबल टेनिस में पदक जीता, जबकि इससे पहले कॉमनवेल्थ गेम्स में देश तीन स्वर्ण सहित आठ पदक जीतकर शीर्ष पर रहा था.

एमसी सिंह ने कहा, ‘हमारे पास सीनियर और जूनियर वर्ग के लिए दो अलग-अलग विदेशी कोच होने ही चाहिए. शरत कमल और मौमा दास जैसे अनुभवी खिलाड़ी अब युवा नहीं होने वाले और ऐसे में हमें सुनिश्चित करना होगा कि हमारे विश्व स्तरीय खिलाड़ी तैयार करना जारी रखें.’

(एजेंसी इनपुट के साथ)