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Hockey: चैंपियंस ट्रॉफी के बंद होने से नाराज हैं हॉकी के दिग्गज खिलाड़ी

अगले साल से चैंपियंस ट्रॉफी और हॉकी विश्व लीग बंद करने का फैसला किया है

Bhasha

चार दशक पुराना चैंपियंस ट्रॉफी टूर्नामेंट खत्म करने का अंतरराष्ट्रीय हाकी महासंघ का फैसला खेल के धुरंधरों को नागवार गुजरा है और उनका मानना है कि इसके विपरीत परिणाम हो सकते हैं.

चैंपियंस ट्रॉफी की शुरूआत 1978 में हुई और 2014 से इसे सालाना की बजाय दो साल में एक बार आयोजित किया जाने लगा. यह ओलिंपिक और विश्व कप के बाद हॉकी का सबसे अहम टूर्नामेंट है.


एफआईएच ने खेल की मार्केटिंग के लिये अगले साल से चैंपियंस ट्रॉफी और हॉकी विश्व लीग बंद करने का फैसला किया है.  इनकी जगह हाकी प्रो लीग और हॉकी सीरिज खेली जाएगी जो ओलंपिक क्वालीफायर भी होगा.

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कोच रिक चार्ल्सवर्थ ने कहा, ‘मेरा मानना है कि चैंपियंस ट्राफी अच्छा टूर्नामेंट था. पता नहीं इसे बंद करने का फैसला क्यों लिया गया. मैं इससे इत्तेफाक नहीं रखता.’

उन्होंने कहा ,‘ मुझे नहीं पता कि प्रो लीग कैसी होगी. इसका वित्तीय ढांचा कैसा होगा. अगर ऑस्ट्रेलियाई टीम की बात करें तो वह सारा समय यूरोप जाकर नहीं खेल सकेगी क्योंकि प्रो लीग में साल में चार महीने हाकी होगी.’

ऑस्ट्रेलियाई कोच कोलिन बैच ने कहा, ‘यह शर्मनाक है कि चैंपियंस ट्रॉफी अब नहीं होगी. विश्व हाकी में आजकल कई टूर्नामेंट हो रहे हैं और सभी नहीं खेले जा सकते. शायद एक दिन इसकी वापसी हो.’

न्यूजीलैंड के कोच शेन मैकलियोड ने कहा, ‘मैं परंपरावादी हूं. मुझे चैंपियंस ट्रॉफी पसंद थी. आजकल इतनी हॉकी हो रही है कि कोई उपाय जरूरी है. देखते हैं कि प्रो लीग कैसी होती है.’

इंग्लैंड के कोच डैनी कैरी ने कहा,‘ चैंपियंस ट्रॉफी खास टूर्नामेंट था लेकिन प्रो लीग जैसे ओलिंपिक क्वालीफायर टूर्नामेंटों के बीच इसके लिये जगह बनाना मुश्किल है. मैं चाहूंगा कि चैंपियंस ट्रॉफी की वापसी हो.’