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Hockey World Cup 2018: 'पाकिस्तान में धीरे-धीरे मर रहा है हॉकी का खेल'

एशियन हॉकी फेडरेशन को भी नहीं है पाकिस्तान हॉकी में बदलाव की उम्मीद

Bhasha

पाकिस्तान को विश्व हॉकी में अलग मसला बताते हुए एशियाई हाकी महासंघ (एएचएफ) के सीईओ और एफआईएच कार्यकारी बोर्ड के सदस्य तैयब इकराम कहा  है कि वहां हॉकी तभी अपना वजूद बरकरार रख सकती है जब देश के राजनीतिक और सुरक्षा हालात में सुधार आए जो इस समय मुश्किल दिख रहा है.

यह पूछने पर कि जहां दूसरे देशों में हॉकी के प्रसार के लिये प्रयास किये जा रहे हैं, वहीं कभी हॉकी की महाशक्ति रहे पाकिस्तान में इसे बचाने के लिये कुछ क्यों नहीं किया जा रहा, एएचएफ सीइओ ने कहा कि पाकिस्तान का मामला अलग है.


उन्होंने हॉकी विश्व कप क्वार्टर फाइनल मुकाबलों से पहले कहा ,‘पाकिस्तान इस समय एकदम अलग मामला है. युवाओं को आकर्षित करने के लिये खेल में ग्लैमर होना जरूरी है जो इस समय पाकिस्तान हॉकी में नहीं है. वह उस समय था जब टीम विश्व कप और ओलिंपिक जीत रही थी.’

इकराम ने कहा ,‘ पाकिस्तान में राजनीतिक और सुरक्षा हालात सुधरने तक इसमें बदलाव नहीं आएगा और वह अभी मुश्किल दिख रहा है. पाकिस्तान में खेल खत्म हो रहे हैं. पाकिस्तानी अवाम अंतरराष्ट्रीय हॉकी देखने को तरस गई है और इन हालात का देश में हॉकी पर बुरा असर पड़ा है.’

उन्होंने कहा कि देशों को अपनी प्राथमिकतायें तय करनी होगी और इसके लिये भारत की मिसाल दी जा सकती है.

उन्होंने कहा, ‘ भारत ने एक दशक पहले प्रक्रिया शुरू करके हाई परफार्मेंस पर फोकस किया और आज भारतीय टीम कहां पहुंच चुकी है. बात सिर्फ निवेश की नहीं बल्कि सही समय पर सही फैसले लेने की भी है.’