view all

Hockey World Cup 2018: अपने पैसे खर्च करके वर्ल्ड कप खेलने आई है भारत की यह विरोधी टीम

दुनिया की 15वें नंबर की टीम साउथ अफ्रीका के खेल की प्रगति में सबसे बड़ी अड़चन 'पैसे' हैं

Bhasha

खिताब के दावेदारों में शामिल नहीं होने के बावजूद साउथ अफ्रीका के खिलाड़ियों ने बुधवार से यहां शुरू हो रहे पुरुष हॉकी विश्व कप का हिस्सा बनने के लिए अपनी जेब से पैसे खर्च किए हैं. दुनिया की 15वें नंबर की टीम साउथ अफ्रीका के कोच मार्क होपकिन्स ने कहा कि साउथ अफ्रीका में खेल की प्रगति में सबसे बड़ी अड़चन 'पैसे' हैं. होपकिन्स ने मेजबान भारत के खिलाफ विश्व कप के पहले मैच की पूर्व संध्या पर कहा, 'साउथ अफ्रीका जितना ज्यादा हॉकी खेलेगा उतना बेहतर रहेगा लेकिन हमारी चुनौती पैसों का इंतजाम करना है जिससे कि जितना संभव हो हम उतने अधिक टेस्ट मैच खेल सकें.'

उन्होंने कहा, 'हम विश्व कप के लिए आए हैं और इसके लिए खिलाड़ियों को अपनी जेब से भुगतान करना पड़ा है. उन्होंने शिविर का हिस्सा बनने के लिए पैसे दिए. हमारी चुनौती पैसे का इंतजाम करना है. हम भाग्यशाली हैं कि हमारे पास कुछ प्रायोजक हैं लेकिन हमारी प्रायोजन राशि से विश्व कप के बजट का इंतजाम नहीं हो सकता,'


होपकिन्स ने कहा, 'फिलहाल हमारे पास पैसे की कमी है और अगर हम इस कमी को पूरा नहीं कर पाए तो संभावना है कि खिलाड़ियों को विश्व कप दौरे के लिए भुगतान करना पड़ सकता है.' दुनिया की पांचवें नंबर की टीम भारत के खिलाफ साउथ अफ्रीका की चुनौती आसान नहीं होगी लेकिन होपकिन्स सकारात्मक चीजों पर ध्यान दे रहे हैं.

उन्होंने कहा, 'विश्व कप में प्रत्येक मैच बड़ा होता है. आप टूर्नामेंट की अच्छी शुरुआत करना चाहते हो. यह रोमांचक है कि हम अपना पहला मैच मेजबान देश के खिलाफ खेल रहे हैं. हम इस मैच में आत्मविश्वास के साथ उतरेंगे. हमें लगता है कि अच्छी हॉकी खेलने और मैच से नतीजा हासिल करने के लिए हमारे पास टीम, कौशल और रणनीति है.

होपकिन्स ने कहा, 'मुझे लगता है कि दबाव दोनों टीमों पर होगा. मेजबान देश होने के कारण भारत पर हम से अधिक दबाव होगा. हम मैदान पर उतरकर उसी ब्रांड की हॉकी खेलेंगे जो हमारे लिए सफल रही है.'