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FIFA World Cup 2018 : ब्राजील और स्विट्जरलैंड जरा संभल के इस ग्रुप में कोस्टा रिका भी है

जिस ग्रुप में दुनिया की दो टॉप दो टीमों में शुमार दो टीमें खेल रही हैं तो बाकी टीमों के लिए पहले दौर की बाधा पार करना वैसे ही मुश्किल हो जाता है. कोस्टा रिका हालांकि उलटफेर करने में सक्षम है

Sachin Shankar

 ग्रुप ई – ब्राजीलस्विट्जरलैंड, कोस्टा रिका, सर्बिया

इस ग्रुप में दुनिया की सबसे लोकप्रिय टीम ब्राजील है. इसमें जो टीमें खेल रही हैं उनमें ब्राजील का अगले दौर में जाने का दावा सबसे मजबूत है. उसके बाद अगली दावेदार टीम स्विट्जरलैंड है. जिस ग्रुप में दुनिया की दो टॉप दो टीमों में शुमार दो टीमें खेल रही हैं तो बाकी टीमों लिए पहले दौर की बाधा पार करना वैसे ही मुश्किल हो जाता है. कोस्टा रिका हालांकि उलटफेर करने में सक्षम है. 2014 के विश्व कप में वो ग्रुप ऑफ डेथ में था. फीफा रैंकिंग में 25वें स्थान पर मौजूद कोस्टा रिका तब अपने ग्रुप में शीर्ष पर रही थी. टीम ने दो जीत और एक ड्रॉ के साथ कुल सात अंक अर्जित किए थे. रूस में भी वो ये करने में सक्षम है. ये देखना रोचक होगा कि कोस्टा रिका इस बार कैसा प्रदर्शन करती है. तब उसके सामने इंग्लैंड, इटली और उरूग्वे थे.


सफलता इस स्टारों पर निर्भर

 नेमार (ब्राजील) - नेमार ब्राजील के स्टार फारवर्ड हैं. नेमार का कहना है कि विश्व कप में खेलना मेरा सपना है और मुझे उम्मीद है कि यह सपना खिताब के साथ पूरा होगा. उनकी टीम भी यही उम्मीद कर रही है.  फरवरी में फ्रेंच क्लब पेरिस सेंट जर्मेन (पीएसजी) से खेलते हुए नेमार को दाएं पांव में चोट लगी थी. लेकिन अब वह पूरी तरह फिट हैं. इस विश्व कप के लिए ब्राजीली टीम का नेतृत्व करिश्माई स्टार नेमार के हाथों में है और अब देखना यह है कि क्या नेमार अपनी टीम के लिए 16 साल का खिताबी सूखा खत्म कर पाते हैं या नहीं.

ग्रेनिट (स्विट्जरलैंड)- ग्रेनिट पिछले साल अपने देश में प्लेयर ऑफ द ईयर रहे थे. ग्रेनिट का जिम्मा   कोच व्लादीमीर पेट्कोविच की योजनाओं को लागू करना है. आर्सेनल के मिडफील्डर ने पिछले विश्व कप में अपने खेल से प्रभावित किया था. वह इस बार भी रूस में अपनी छाप छोड़ने को बेताब हैं. 

ब्रायन रूइज (कोस्टा रिका) - कप्तान ब्रायन रूइज की अगुआई में टीम इस बार अपने पिछले प्रदर्शन से आगे बढ़ना चाहेगी. कप्तान रूइज पर टीम के आक्रमण का दारोमदार होगा. वह आक्रामक मिडफील्डर हैं और जरूरत पड़ने पर फारवर्ड का भी रोल निभाते हैं. ब्राजील में वर्ष 2014 में हुए फीफा विश्व कप में कोस्टा रिका को क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय कराने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी. रूइज कोस्टा रिका के लिए 100 मैच खेलने से मात्र दो मैच दूर हैं.

ब्रानिसलोव इवानोविच (सर्बिया) - वह 2012 से सर्बियाई राष्ट्रीय टीम की अगुआई कर रहे हैं. अभी हाल में उन्होंने देश के लिए 100 मैच खेलने की अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है. चेल्सी के साथ ब्रानिसलोव इवानोविच ने यूफा चैंपियंस लीग और तीन इंग्लिश लीग खिताब जीते हैं. वह फिलहाल रूस में जेनिट सेंट पीटर्सबर्ग के लिए क्लब फुटबॉल खेल रहे हैं.

ग्रुप की टीमों का इतिहास

ब्राजील ने 2002 में काफू के नेतृत्व में रिकॉर्ड पांचवीं बार फीफा विश्व कप जीता था. लेकिन उसके बाद से वह तमाम प्रयासों के बावजूद खिताब तक नहीं पहुंच सकी. फीफा विश्व कप में ब्राजील का गौरवशाली इतिहास रहा है. वह विश्व में एकलौती ऐसी टीम हैजिसने इस टूर्नामेंट के सभी संस्करणों में भाग लिया है. ब्राजील भले ही फुटबॉल का जन्मदाता न हो, लेकिन दक्षिण अमेरिका के इस देश ने फुटबॉल को सुदंरता प्रदान करने का कार्य किया है. ब्राजील की अपनी एक अलग शैली है और दुनिया भर में इस शैली को पसंद किया जाता है. यही कारण है कि एशिया से लेकर प्रशांत तक दुनिया भर में ब्राजीली खिलाड़ियों और टीम के प्रशंसक हैं. कोस्टा रिका 1990 से लेकर 2014 तक हुए कुल सात विश्व कप में से चार में क्वालीफाई करने में कामयाब रही.

इटली में 1990 में हुआ विश्व कप कोस्टा रिका का पहला विश्व कप था. इस प्रतियोगिता में टीम ने प्रीक्वार्टर फाइनल तक का सफर तय किया, जबकि 2002 और 2006 में हुए विश्व कप में वो ग्रुप स्तर से आगे नहीं बढ़ पाए. कोस्टा रिका पिछले विश्व कप में अपने ग्रुप में शीर्ष पर रही थी. 

प्रीक्वार्टर फाइनल मुकाबले में कोस्टा रिका ने ग्रीस को पेनाल्टी में हराकर पहली बार किसी विश्व कप के अंतिम-में जगह बनाई थी. हालांकिक्वार्टर फाइनल में उसे नीदलैंडस के खिलाफ पेनाल्टी में हार का सामना करना पड़ा. स्विट्जरलैंड ने 1934, 1938 और 1954 में क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय किया था. ये उसका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हैं. स्विट्जरलैंड 2006 में दूसरे दौर में जगह बनाई थी, लेकिन उसे उक्रेन से शूट आउट में हार का सामना करना पड़ा था. एक आजाद देश के रूप में सर्बिया ने इससे पहले एक बार 2010 में भाग लिया था. तब टीम ग्रुप दौर से ही बाहर हो गई थी. लेकिन उसने जर्मनी जैसी मजबूत टीम को 1-0 से हराकर सनसनी फैला दी थी.

किसके दावे में कितना दम :

 ब्राजील के मौजूद हालात 2002 विश्व कप से मिलते-जुलते हैं. 1998 के फाइनल में फ्रांस ने ब्राजील को 3-0 से मात दी थी, जबकि 2014 विश्व कप में मेजबान टीम को सेमीफाइनल में जर्मनी के खिलाफ 1-7 की करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी और उस हार को भुलाकर खिताब जीतना टीम के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी. नेमार आज भी ब्राजीली टीम के सबसे चमकदार सितारे हैं लेकिन इस बार के हालात 2014 से कुछ अलग हैं. चार साल पहले ब्राजीली टीम पूरी तरह नेमार पर निर्भर थी लेकिन इस बार ऐसा नहीं है. टीम का हर खिलाड़ी अपने दम पर मैच जिताने की कूव्वत रखता है. 

2002 की तरह ही टीम का अटैक और मिडफील्ड मजबूत है जबकि डिफेंस और गोलपोस्ट में भी ब्राजील के पास अनुभवी खिलाड़ी हैं. हालांकिटीम को दानी आल्वेस के अनुभव की कमी खल सकती है. मैदान पर नेमारफिलि कोटिन्होविलियनकैसिमीरोमार्सेर्लोरोबटरे फिर्मिनो और गेब्रियल जीसस की मौजूदगी किसी भी टीम की डिफेंस को भेदने में सक्षम है.

कप्तान ब्रायन रूइज और कोच ऑस्कर रोमिरेज के मार्गदर्शन में टीम इस बार अपने पिछले प्रदर्शन से आगे बढ़ना चाहेगी. टीम का डिफेंस बेहद मजबूत नजर आ रहा है और वह अपने ग्रुप में ब्राजील जैसे अटैक को भी मुश्किल में डाल सकता है. स्पेनिश क्लब रीयाल मैड्रिड से खेलने वाले टीम के गोलकीपर केलोर नावास पर सबकी निगाहें टिकी होंगी, जबकि केंडल वॉटसनगियानकार्लो गोंजालेज और जॉनी अकोस्टा जैसे खिलाड़ियों के डिफेंस में होने से टीम और मजबूत नजर आ रही है. नावास टूर्नामेंट में टीम के लिए अहम साबित हो सकते हैं.  कप्तान रूइज पर टीम के आक्रमण का दारोमदार होगा, लेकिन फारवर्ड लाइन में टीम को अच्छे खिलाड़ियों की कमी खलेगी. टीम में कोई शीर्ष स्तरीय स्ट्राइकर भी नही है जो विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में कोस्टा रिका के लिए चिंता का विषय है.  जोएल कांप्वेल और मार्को यरेना दोनों ही स्ट्राइकर चोट के बाद टीम में वापसी कर रहे हैं,ऐसे में उनके लिए फारवर्ड को मजबूती दे पाना आसान नहीं होगा.

स्विट्जरलैंड टीम में 2015 के अंत तक काफी अंदरूनी कलह थी. लेकिन कोच व्लादीमीर पेट्कोविच ने इन सब पर काबू पा लिया है. ये बातें अब अतीत हो चुकी हैं. सब मानते हैं कि कोच व्लादीमीर पेट्कोविच ने टीम को एकजुट कर दिया है, जिसका असर देखने को मिलेगा. कप्तान ब्रायन रूइज और दूसरे मुख्य खिलाड़ी जाहर्दन शकीरी मानते हैं कि टीम में एका बढ़ा है. स्विट्जरलैंड की सबसे बड़ी ताकत उसके गोलकीपर यान सोमेर हैं, जो जर्मन लीग बुंदेसलीगा में खेलते है

सर्बिया ने यूरोपीय जोन के पहले दौर में दस मैचों में से केवल छह मैच जीतकर ग्रुप में पहला स्थान हासिल किया था. इसके साथ ही सर्बिया ने दूसरी बार विश्व कप का टिकट कटाया. टीम ने तब सर्वाधिक 20 गोल दागे थे, लेकिन यहां मुकाबला आसान नहीं होगा. ब्राजील और स्विट्जरलैंड जैसी मजबूत टीमों को हराना तो आसान नहीं होगा, लेकिन अपना दिन होने पर जर्मनी के खिलाफ जैसा प्रदर्शन संभव है. अगर ऐसा होता है तो इस ग्रुप में आग लगना तय है.