अखिल भारतीय टेनिस संघ ने डेविस कप चयन को लेकर महेश भूपति और लिएंडर पेस की सार्वजनिक तौर पर विवादित बयानबाजी की आलोचना की है. एआईटीए ने कहा कि वह इन दोनों दिग्गज खिलाड़ियों से परिपक्व व्यवहार की उम्मीद करता है.
लिएंडर पेस ने आरोप लगाया था कि उन्हें टीम से बाहर करने के लिए भूपति ने अपने पद का उपयोग किया. इसके जवाब में भूपति ने दोनों के बीच हुई बातचीत को सार्वजनिक किया था.
एआईटीए के महासचिव हिरणमय चटर्जी ने कहा, ‘हम इन सीनियर खिलाड़ियों से अधिक परिपक्वता की उम्मीद करते हैं. इस मसले को लेकर उन्होंने जिस तरह का व्यवहार किया वह हमें पसंद नहीं है. हम उनसे बात करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि वे अधिक परिपक्व तरीके से व्यवहार करें.’
चटर्जी ने कहा कि पेस को मुकाबले के दौरान बाहर किए जाने को लेकर टिप्पणी करने से बचना चाहिए था. उन्होंने कहा, ‘जब मुकाबला चल रहा था तब लिएंडर को इस पर बात नहीं करनी चाहिए थी. महेश ने सही किया कि उन्होंने मुकाबला समाप्त होने के बाद इस पर बात की.’
सीनियर एआईटीएफ अधिकारी ने कहा कि उन्होंने पेस और भूपति के बीच वाट्सएप पर बातचीत देखी थी और उनका प्रयास अब उन्हें साथ में बिठाकर मामला सुलझाना है. उन्होंने कहा, ‘मैंने भी इसे देखा था और इस पर लिएंडर से बात की. जब भी मुझे समय मिलेगा. मैं उन दोनों के साथ बैठकर इस मसले पर बात करूंगा. मेरा इरादा उन दोनों को साथ में लाना है. उन्हें इसे सुलझाना होगा. वे परिपक्व हैं लेकिन उन्होंने जो प्रतिक्रिया की वह और बेहतर हो सकती थी.’
उन्होंने कहा, ‘हां वह जो कुछ भी करना चाहता है और उन्होंने जो कुछ भी कहा, निश्चित तौर पर वह महासंघ के संपर्क में रहा है और इसमें कोई संदेह नहीं है. उन्होंने हमारे साथ हर चीज पर चर्चा की है. यह कोई मसला नहीं है.’
भूपति के इस दावे के बाद कि पेस को बाहर करना उनके एजेंडा में शामिल नहीं था, भारत की तरफ से सर्वाधिक डेविस कप मैच खेलने वाले खिलाड़ी ने कहा कि उन्हें सीधे तौर पर कभी नहीं बताया गया कि वह अंतिम चार खिलाड़ियों में शामिल नहीं होंगे और उन्हें यह अपमानजनक लगा. पेस और भूपति का युग नब्बे के दशक के आखिरी वर्षों से शुरू हुआ और उनके बीच के मतभेद भारतीय टेनिस में हमेशा चर्चा के विषय रहे.