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एशियन गेम्स से दो माह पहले लिया डिस्कस थ्रोअर विकास गौड़ा ने संन्यास

2014 ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स के स्वर्ण पदक विजेता विकास गौड़ा के नाम है डिस्कस थ्रो का मौजूदा राष्ट्रीय रिकॉर्ड

FP Staff

2014 ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स के स्वर्ण पदक विजेता डिस्कस थ्रोअर विकास गौड़ा ने 15 साल से अधिक समय तक प्रतिस्पर्धी स्तर पर खेलने के बाद बुधवार को संन्यास ले लिया. चार बार के ओलिंपियन विकास गौड़ा का ये फैसला थोड़ा चौंकाने वाला है, क्योंकि एशियन गेम्स के आयोजन में केवल दो माह का समय रह गया है और ऐसे में उन्होंने ये फैसला लिया. हालांकि पिछले साल भुवनेश्वर में एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने के बाद उन्होंने किसी बड़ी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में शिरकत नहीं की थी.  वह पांच जुलाई को 35 साल के हो जाएंगे. भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) ने अपने ट्विटर पेज पर उनके संन्यास की घोषणा की. विकास ने एएफआई को पत्र लिखकर अपने फैसले से अवगत कराया.

अमेरिका में रहने वाले विकास ने ई-मेल में लिखा, काफी सोच विचार और विमर्श के बाद मैंने एथलेटिक्स से अलग होने का फैसला किया है. मैं अब अपने शरीर को और दर्द नहीं दे सकता। मैं अपने जीवन के अगले चरण पर ध्यान देना चाहता हूं. एएफआई को समर्थन के लिए धन्यवाद देते हुए विकास ने कहा कि वह एथलेटिक्स में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली यादें हमेशा जहन में ताजा रखेंगे. उनके लिए अपने देश का प्रतिनिधित्व करना सम्मान की बात रही.  एएफआई के अध्यक्ष आदिल जे सुमारीवाला ने कहा, एक एथलीट के रूप में विकास का करियर शानदार रहा है और इतने वर्षो में हासिल की गई उनकी उपलब्धियां उनके समर्पण तथा कड़ी मेहनत को दर्शाती हैं. उन्होंने कई एथलीटों को प्रेरित किया है और मैं आश्वस्त हूं कि वह अपने जीवन के अगले चरण में भी इसे जारी रखेंगे. मैं उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं.'


गोल्डकोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में नहीं लिया था हिस्सा  

वह पिछले कुछ समय से अपने मनमाफिक प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे. उन्होंने हाल में कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा नहीं लिया था, क्योंकि एएफआई ने एक कड़ा नियम बनाया था कि जो राष्ट्रीय चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं लेंगे उन्हें बहु स्पर्धा टूर्नामेंट में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी, क्योंकि यह राष्ट्रीय प्रतियोगिता चयन ट्रायल का काम करती है. पिछले साल एशियाई चैंपियनशिप के लिए भी उन्हें प्रतियोगिता से पहले अमेरिका से यहां भुवनेश्वर आने को कहा गया था ताकि वह चयन ट्रायल में हिस्सा ले सकें.

उनके नाम ही है राष्ट्रीय रिकॉर्ड

विकास गौड़ा कॉमनवेल्थ गेम्स के इतिहास में भारत के लिए एथलेटिक्स में व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले चौथे खिलाड़ी हैं. वह कॉमनवेल्थ गेम्स में ये उपलब्धि हासिल करने वाले दूसरे भारतीय पुरुष एथलीट हैं. उनसे पहले मिल्खा सिंह ने 1958 कार्डिफ कॉमनवेल्थ गेम्स में 440 यार्ड की दौड़ में स्वर्ण पदक जीता था. एशियन गेम्स में वह 2010 में कांस्य और 2014 में रजत पदक जीत चुके हैं. 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने रजत पदक हासिल किया था. विकास ने 2012 में 66.28 मीटर की दूरी से राष्ट्रीय रिकॉर्ड अपने नाम किया था और यह अब भी उनके नाम ही है.

ऐसा रहा है जीवन

मैसूर में पांच जुलाई 1983 को जन्में विकास का परिवार उनके छह साल के होने से पहले ही अमेरिका के मैरीलैंड में बस गया था. एथलेटिक्स उनके खून में है, क्योंकि उनके पिता भी पूर्व एथलीट रह चुके हैं और 1988 ओलंपिक में राष्ट्रीय कोच थे. उन्होंने 2004, 2008, 2012 और 2016 ओलंपिक में हिस्सा लिया था. वह 2012 लंदन ओलंपिक में ही फाइनल दौर में पहुंचने में सफल रहे थे.

.@vikgo70 Vikas Gowda, #India's greatest discuss thrower, Olympian, CWG2014 gold medallist retires from Athletics. Thanks, Vikas for serving Indian athletics & taking it to great heights. All the best Champ! @g_rajaraman @PTI_News @kaypeem @IndiaSports @Ra_THORe @Media_SAI pic.twitter.com/UwbJSU2n4t