जी हां, शनिवार की सुबह कुछ ऐसा ही होने वाला है. हाल में इंडोनेशिया में हुए एशियन गेम्स में भारत की महिला और पुरुष कबड्डी टीम ने क्रमश सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था, लेकिन अब उन्हें अपने मेडल के सम्मान को बचाने के लिए एक बार फिर मुकाबला करना पड़ेगा और यह मुकाबला शायद उस मुकाबले से बढ़ा हो, क्योंकि यहां पर उनका मुकाबला उन खिलाड़ियों से होगा, जिन्हें एशियाड के लिए टीम में नहीं चुना गया था और इसके बाद पूर्व कबड्डी खिलाड़ी महिपाल सिंह ने एमच्च्योर कबड्डी महासंघ पर घूस लेकर टीम के चयन का आरोप लगाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक इसी वजह से कोर्ट ने पिछले महीने इन मैचों के आयोजन करवाने का निर्णय लिया था. अगर मेडलिस्ट टीम यहां हारती है तो उनके सम्मान और उनकी काबिलियत पर भी सवाल उठेंगे.
गौरतलब है कि एशियन गेम्स में जकार्ता एशियाड से पहले अजेय रहने वाली दोनों टीमों को हार का सामना करना पड़ा था और महिला टीम को फाइनल में ईरान ने और पुरुष टीम को सेमीफाइनल में ईरान ने हराया था, जिसके बाद पहली बार भारत को कबड्डी में सिल्वर और ब्रॉन्ज से ही संतोष करना पड़ा था. एशियाड में टीम के इस प्रदर्शन के बाद घूस लेने के आरोपों ने और तेजी पकड़ ली थी
सत्यता की जांच के लिए मैच
दरअसल भारतीय टीम के जकार्ता रवाना होने से पहले महिपाल के लगाए गए आरोपों के बाद हाई कोर्ट ने निर्णय लिया था कि खेलों के समापन के बाद जकार्ता जाने वाली टीम और टीम ने चयन ना होने वाले खिलाडि़यों के बीच मुकाबला करवाया जाएगा, जिससे इन आरोपों की सत्यता का पता लगाया जा सके. मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन और न्यासमूर्ति वीके राव ने इस मामले की सुनवाई करते हुए दो अगस्त को आदेश दिया था कि 15 सितंबर को सुबह 11 बजे इसका आयोजन किया जाएगा. पीठ ने दिल्ली हाईकोट के न्यायाधीश (रिटायर ) एस.पी गर्ग को खेल एवं युवा मंत्रालय के एक अधिकारी के साथ चयन का पर्यवेक्षक नियुक्त किया. महिपाल ने वकील बीएस नागर ने कहा कि यह मुकाबला एशियाड मेडलिस्ट भारतीय टीम बनाम टीम में जगह बनाने से चूकने वाले खिलाड़ियों के बीच होगा. टीम में जगह बनाने वाले वहीं खिलाड़ी होंगे, जिन्होंने नेशनल कैंप में हिस्सा लिया था. नागर का मानाना है कि हालांकि खिलाड़ी इससे बचने की कोशिश के लिए चोट वगरैह आदि बहानों का सहारा ले सकते हैं.