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डेविस कप: ये खास 'रिकॉर्ड' बनाने के लिए कोर्ट पर उतरेंगे पेस  

सबसे ज्यादा डबल्स मुकाबले जीतने का रिकॉर्ड अपने नाम करना चाहेंगे पेस

FP Staff

स्टार टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस सबसे ज्यादा डबल्स मुकाबले जीतने का डेविस कप रिकॉर्ड अपने नाम करना चाहेंगे, जब भारत शुक्रवार से दो दिन के नए प्रारूप में तियानजिन में शुरू हो रहे एशिया ओशियाना ग्रुप में चीन के खिलाफ उतरेगा. भारत चीन को हराकर विश्व ग्रुप में पहुंचने का प्रयास करेगा. 44 बरस के पेस के नाम 42 डबल्स जीत दर्ज हैं और इटली के निकोला पीट्रांजेली के साथ संयुक्त रूप से रिकॉर्ड उनके नाम पर है. वह एक और मुकाबला जीतते हैं तो डेविस कप के इतिहास में सबसे सफल डबल्स खिलाड़ी बन जाएंगे.

पेस के पास फरवरी 2017 में भी यह रिकॉर्ड बनाने का मौका था, जब भारत ने पुणे में न्यूजीलैंड से खेला था लेकिन उस मैच में भारत सिर्फ डबल्स मुकाबला ही हारा था. उजबेकिस्तान के खिलाफ बेंगलुरु में हुए मुकाबले में कप्तान महेश भूपति ने पेस को बेंच पर बिठाकर श्रीराम बालाजी और रोहन बोपन्ना को उतारा था. ये दो मौके थे जब पेस के पास अपने दर्शकों के सामने रिकॉर्ड बनाने का मौका था. अब टीम में जगह दोबारा बनाने और पिछले कुछ महीने में अच्छे प्रदर्शन के बाद उनके पास हजारों मील दूर परदेस में यह रिकॉर्ड बनाने का मौका है.


चीन के खिलाफ मुकाबला आसान नहीं

पेस ने कहा, ‘चीन को चीन में हराना कठिन होगा. उनके पास एक जूनियर खिलाड़ी है जिसने यूएस ओपन जीता है. उनकी डबल्स टीम ने न्यूजीलैंड को हराया है लिहाजा यह कठिन होगा. चीन एक टीम के रूप में अच्छा खेलता है. मेरे लिए अहम यह है कि हम टीम के रूप में जीतें.’ इस मुकाबले की तैयारी के दौरान भी विवाद पैदा हो गया था जब रोहन बोपन्ना ने पेस के साथ खेलने से इनकार कर दिया था.

सिंगल्स में युकी की कमी खलेगी

पेस का मानना है कि इससे उनके प्रदर्शन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा, ‘ मेरा हमेशा से मानना रहा है कि रोहन और मैं मिलकर अच्छी टीम बनाते हैं. उसकी ताकत और मेरा नियंत्रण. उसकी सर्विस और मेरा नेट गेम. मुझे रोहन के साथ खेलकर खुशी होगी.’ भारत के शीर्ष सिंगल्स खिलाड़ी युकी भांबरी चोट के कारण नहीं खेल रहे हैं जिनकी जगह रामकुमार रामनाथन को उतारा जाएगा. पेस ने कहा, ‘हमें युकी की कमी खलेगी. उसने पिछले महीने शानदार प्रदर्शन किया है और वह सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में है.’

पहले मैच में रामकुमार का सामना यिबिंग वू से

चीन के पास यिबिंग वू के रूप में बेहतरीन खिलाड़ी हैं जो फिलहाल जूनियर विश्व रैंकिंग में शीर्ष पर हैं. वह पहले मैच में रामकुमार से खेलेंगे. इसके बाद सुमित का सामना झांग से होगा. शनिवार को पेस और बोपन्ना की टक्कर दि वू और माओ शिन गोंग से होगी. डबल्स के बाद रिवर्स सिंगल्स खेले जाएंगे.

विश्व ग्रुप में पहुंचने का पांचवां प्रयास

भारत ने 2014 के बाद विश्व ग्रुप में पहुंचने के चार बार प्रयास किए, लेकिन उसे क्रमश: सर्बिया, चेक गणराज्य, स्पेन और कनाडा से हार का सामना करना पड़ा. भारत पिछले साल सितंबर में विश्व ग्रुप प्लेऑफ में मेजबान कनाडा से 2-3 से हार गया था. भारतीय टीम का चीन के खिलाफ जीत-हार का 3-0 का रिकॉर्ड है. दोनों टीमों के बीच पिछला मुकाबला 2005 में हुआ था.

(एजेंसी इनपुट के साथ)