view all

Davis Cup Tennis : 'हैरान करने वाले दिन' के बाद हार से टाई गंवाने से एक कदम दूर भारत

चीन के खिलाफ एशिया ओशिनिया मुकाबले के दूसरे दौर में भारत ने दोनों सिंगल्स गंवाए, आसानी से हारे रामकुमार रामनाथन और सुमित नागल

Bhasha

चीन के खिलाफ एशिया-ओशिनिया मुकाबले के दूसरे दौर के पहले दिन भारत गहरे संकट में है. तियानजिन में चल रहे इवेंट में भारत दोनों सिंगल्स हार गया है. रामकुमार रामनाथन और सुमित नागल की चीनी खिलाड़ियों से हार के साथ भारतीय डेविस कप टीम पिछले पांच साल में पहली बार हार की कगार पर पहुंच गई.

पेट की मामूली चोट के कारण युकी भाम्बरी के हटने के बाद रामकुमार रामनाथन से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद थी. लेकिन वे चीन की नई टेनिस सनसनी यिबिंग वू से 6-7 (4), 4-6 से हार गए. हाल तक जूनियर विश्व नंबर एक रहे 18 साल के चीनी खिलाड़ी ने 2017 में यूएस ओपन में जूनियर सिंगल्स और डबल्स दोनों खिताब जीते थे. रामनाथन की सर्विस पहले ही गेम में टूटी लेकिन उन्होंने वापसी की और सेट को टाईब्रेकर तक ले गए.


सिंगल्स में करियर की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग 132 पर पहुंचे और पूर्व में टॉप 10 में शामिल डोमिनिक थिएम को हरा चुके रामकुमार रामनाथन के पास दूसरे सेट में विश्व के 332 वें नंबर के खिलाड़ी के खिलाफ ब्रेक के दौ मौके थे. लेकिन वह एक का भी फायदा नहीं उठा सके और एक बार सर्विस गंवा बैठे. इसके बाद मेजबान टीम को 1-0 की बढ़त मिल गई.

युवा खिलाड़ी नागल पर भारत की वापसी कराने का दारोमदार आ गया. लेकिन 213वें नंबर के इस खिलाड़ी को महज 67 मिनट तक चले मुकाबले में 247वें नंबर के खिलाड़ी जे झांग के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी. उन्हें झांग ने 6-4, 6-1 से हराया.

भारत के गैर खिलाड़ी कप्तान महेश भूपति ने पहले दिन के परिणामों को ‘हैरान करने वाला’ बताया. उन्होंने कहा, ‘दोनों ने निराशाजनक खेल का प्रदर्शन किया. उनमें (जीत के लिए) कोई भूख, कोई जद्दोजहद और कोई आक्रामकता नहीं थी.’

भारत इससे पहले 0-2 से पिछड़ने के बाद केवल एक बार डेविस कप टाई जीतने में सफल रहा है. 2010 में भारत ने 0-2 से पिछड़ने के बाद ब्राजील को हराया था. तब लिएंडर पेस एवं भूपति ने डबल्स और सोमदेव देववर्मन और रोहन बोपन्ना ने आखिरी दिन अपने-अपने सिंगल्स मुकाबले जीतकर भारत को जीत दिलाई थी.

पेस और बोपन्ना शनिवार को माओ शिन गोंग और डी वू की जोड़ी से भिड़ेंगे, जहां हार की सूरत में टाई का नतीजा तय हो जाएगा.

भारत के यह मैच जीतने पर पेस डेविस कप के इतिहास में सबसे सफल डबल्स खिलाड़ी बन जाएंगे. इस समय उनके खाते में 42 जीत हैं और वह महान इतालवी खिलाड़ी निकोला पित्रांगेली के साथ यह रिकॉर्ड साझा करते हैं.

भारत ने फरवरी, 2013 में एशिया-ओशिनिया स्तर पर मुकाबला गंवाया था, जब सोमदेव के नेतृत्व में सभी टॉप खिलाड़ियों ने दक्षिण कोरिया के खिलाफ मुकाबले का बायकॉट किया था और कमजोर भारतीय टीम नई दिल्ली में विपक्षी टीम से 1-4 से हार गई थी.

तब से भारत ने जोनल प्रतियोगिता में कभी भी टाई नहीं गंवाई है और लगातार विश्व ग्रुप प्ले-ऑफ स्तर तक पहुंचा है. हालांकि वह आखिरी बाधा नहीं पार कर पाया और 2014 में सर्बिया, 2015 में चेक गणराज्य, 2016 में स्पेन और 2017 में कनाडा से हार गया.

भारत पिछली बार 16 देशों के वर्ल्ड ग्रुप में 2011 में पहुंचा था जब उसे सर्बिया के हाथों हार का सामना करना पड़ा था.