view all

CWG 2018, Wrestling : बजरंग लाए सोना, कुश्ती में भारत का दबदबा बरकरार

मौसम खत्री और पूजा ढांडा ने रजत पदक अपने नाम किए, दिव्या ने जीता कांसा

FP Staff

गोल्ड कोस्ट में 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स की कुश्ती प्रतियोगिता में भारत का पदक बटोरो अभियान जारी है. नौवें दिन शुक्रवार को भारत एक स्वर्ण सहित चार पदक जीतने में सफल रहा. बजरंग पूनिया (65 किग्रा ) ने अपनी ख्याति के अनुरूप प्रदर्शन करते हुए आसानी से स्वर्ण पदक जीत लिया. जबकि मौसम खत्री और पूजा ढांडा ने रजत पदक अपने नाम किए. दिव्या काकरान ने कांस्य पदक जीता.

भारत ने शुक्रवार को चारों मुकाबलों में पदक हासिल किए. कुश्ती प्रतियोगिता के पहले दिन भी भारत ने दो स्वर्ण सहित चार पदक झोली में डाले थे. इस तरह से भारत कुश्ती में अब तक सभी आठ मुकाबलों में पदक जीतने में सफल रहा. उसके नाम पर कुश्ती में तीन स्वर्ण , तीन रजत और दो कांस्य पदक दर्ज हैं. भारत ने 2014 ग्लास्गो खेलों में कुश्ती में पांच स्वर्ण पदक जीते थे. शनिवार को साक्षी मलिक और विनेश सहित चार पहलवान मुकाबले में उतरेंगे. अगर दो स्वर्ण और आ जाएं तो ग्लास्गो की बराबरी हो जाएगी.


बजरंग को नहीं हुई कोई मुश्किल

ओलंपिक कांस्य पदक विजेता योगेश्वर दत्त के शिष्य बजरंग को अपने किसी भी प्रतिद्वंद्वी को हराने में कोई परेशानी नहीं हुई. हरियाणा के इस 24 वर्षीय पहलवान ने खिताबी मुकाबले में वेल्स के केन चैरिग के खिलाफ शुरू से ही दबदबा बनाए रखा और 10-0 से जीत दर्ज की. उन्होंने इस तरह से भारत को इन खेलों का 17वां स्वर्ण पदक दिलाया. विश्व चैंपियनशिप 2013 के कांस्य पदक विजेता बजरंग ने 2016 और 2017 कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीते थे.

बजरंग ने कहा, ‘ यह स्वर्ण पदक मेरे कुश्ती करियर में शानदार सुधार का सबूत है, क्योंकि मैंने पिछले खेलों में रजत पदक जीता था. मैं चार मुकाबले लड़ा. मैंने इसके लिए बहुत अच्छी तैयारी की थी.’ फाइनल में बहुत कम समय में मुकाबला जीतने के बारे में उन्होंने कहा, ‘ मैंने समय पर गौर नहीं किया, लेकिन मैं जल्द से जल्द इसे खत्म करना चाहता था. मैं अपने सभी प्रतिद्वंद्वियों का सम्मान करता हूं. हम सभी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करते हैं, लेकिन आज मेरा दिन था.’

मौसम खत्री को करना पड़ा रजत से संतोष

भारत को पुरुष वर्ग में मौसम खत्री (97 किग्रा ) से भी स्वर्ण पदक की उम्मीद थी, लेकिन हरियाणा के इस 27 वर्षीय पहलवान को साउथ अफ्रीका के मार्टिन ऐरास्मस से हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा. इस मुकाबले में 23 साल के एरास्मस बेहतर नियंत्रण में दिखे और उन्होंने 12-2 के स्कोर पर पहुंचने के बाद तकनीकी दक्षता के आधार पर यह मुकाबला अपने नाम किया. खत्री ने कहा, ‘ मैं स्वर्ण पदक जीतना चाहता था जो नहीं हो पाया और इसके लिए मैं खुद दोषी हूं. मैं आगे यह सुनिश्चित करूंगा कि भविष्य में ऐसी गलती नहीं हो.’

फाइनल में ओडुनायो से हारीं पूजा ढांडा

महिलाओं के वर्ग में पूजा ढांडा ने 57 किग्रा के फाइनल में जगह बनाई, लेकिन स्वर्ण पदक के मुकाबले में उन्हें नाइजीरिया की ओडुनायो आडेकुरोये से 5-7 से हार झेलनी पड़ी. इस तरह से उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा. पूजा ने कहा, ‘ मैंने दूसरे राउंड में जिस तरह का प्रदर्शन किया अगर मैं पूरे मुकाबले में वैसा ही प्रदर्शन करती तो जीत सकती थी. मैंने अवसरों का फायदा नहीं उठाया. अगली बार मैं पदक का रंग बदलने की कोशिश करूंगी.’

कांस्य के मुकाबले में सुल्ताना को हराया दिव्या ने

इससे पहले दिव्या काकरान महिलाओं के 68 किग्रा में नाइजीरिया की दो बार की कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप पदक विजेता ब्लेसिंग ओबोरूडुडु से हार गईं, लेकिन वह कांस्य पदक के मुकाबले में बांग्लादेश की शेरिन सुल्ताना को 4-0 से हराने में सफल रहीं.

(एजेंसी इनपुट के साथ)