view all

CWG History : 1958 कार्डिफ में मिल्खा सिंह ने दिलाया था भारत को पहली बार गोल्ड मेडल

पहलवान लीला राम भी इन्हीं खेलों में लाए थे स्वर्ण पदक

FP Staff

वेल्स के शहर कार्डिफ को कॉमनवेल्थ गेम्स के आयोजन के लिए 12 साल इंतजार करना पड़ा. 1946 में वहां कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन होना था जो दूसरे विश्व-युद्ध के कारण नहीं हो सका था. छठा संस्करण ब्रिटिश एम्पायर व कॉमनवेल्थ गेम्स के नाम से वेल्स में हुआ.

भारत में इन खेलों को मिल्खा सिंह की कामयाबी के लिए भी याद किया जाता है. फ्लाइंग सिख ने भारत को पहली बार स्वर्ण पदक दिलाया. देश में उस दिन जश्न मना था. मिल्खा सिंह ने 440 गज की दौड़ में रिकॉर्ड बनाकर इन खेलों में पहली बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया था. वहीं बाद में लीला राम ने 100 किलोग्राम वर्ग के कुश्ती मुकाबलों में स्वर्ण पदक जीतकर इस खुशी को दोगुना कर दिया था. कुश्ती में ही लक्ष्मीकांत पांडे ने रजत पदक जीता. वह 74 किलोग्राम वर्ग में थे. लेकिन पाकिस्तान की टीम ज्यादा सफल रही थी. उसने तीन स्वर्ण के साथ कुल 10 पदक जीते.


नस्ल-भेद के कारण तीन दशक के लिए बाहर हुआ साउथ अफ्रीका

कार्डिफ खेल साउथ अफ्रीका के लिए काफी समय तक अंतिम आयोजन साबित हुआ, क्योंकि नस्ल-भेद के खात्मे के बाद ही 1994 में उसकी वापसी हो सकी. कार्डिफ में साउथ अफ्रीका को लेकर काफी टिप्पणी हुई थी क्योंकि उस पर आरोप लगे थे कि उसने एथलीटों का चयन क्षमता के बजाए रंग और नस्ल के आधार पर किया था. इसके बाद साउथ अफ्रीका ने 1961 में राष्ट्रमंडल से तीस साल के लिए अपने आपको हटा लिया.

इंग्लैंड ने 29 स्वर्ण पदक के साथ 80 पदक जीते

इंग्लैंड एक बार फिर अपना लोहा मनवाने में कामयाब रहा. उसने 29 स्वर्ण पदक के साथ कुल 80 पदक जीते. स्वर्ण पदक की दौड़ में ऑस्ट्रेलिया भी ज्यादा पीछे नहीं रहा और उसने 27 स्वर्ण के साथ कुल 66 पदक जीते. साउथ अफ्रीका ने 13 स्वर्ण के साथ कुल 31 पदक जीते, जबकि कनाडा को स्वर्ण तो एक ही मिल सका, लेकिन उसके कुल पदकों की संख्या 27 रही.

35 देशों के 1122 एथलीटों ने भाग लिया

वेल्स में हुए खेलों में 35 देशों के 1122 एथलीटों के साथ 228 अधिकारियों ने भाग लिया, इनमें से 23 देशों और अधीन राज्यों ने पदक जीता. सिंगापुर, घाना, केन्या और मन द्वीप ने पहली बार कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लेते हुए पदक जीते. इसमें नौ खेलों के विभिन्न श्रेणियों के लिए मुकाबले हुए जिनमें एथलेटिक्स, मुक्केबाज़ी, साइकिलिंग, तलवारबाजी, लॉन बाउलिंग, रोइंग, तैराकी व डाइविंग, भारोत्तोलन और कुश्ती शामिल थे.