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CWG 2018: भारतीय वेटलिफ्टिंग दल के फिजियो को गेम्स विलेज से बाहर निकाला गया

थम नहीं रहीं भारतीय एथलीट्स की मुश्किलें, सिरिंज विवाद के बाद बड़े पैमाने पर हुआ भारतीयों का डोप टेस्ट

FP Staff

ऑस्ट्रेलिया के गोल्डकोस्ट में कॉमनवेल्थ खेलों की शुरुआत होने से पहले ही भारतीय एथलीट्स की परेशानियां थमती नहीं दिख रही हैं. सिंरिंज विवाद में तो हालांकि भारतीय बॉक्सर्स को क्लीन चिट मिल गई है लेकिन भारतीय एथलीट्स ऑर्गनाइजिंग कमेटी के निशाने पर आ गए हैं.

गेम्स में भाग लेने पहुंचे भारतीय वेटलिफ्टिंग के दल का गेम्स विलेज पहुंचते ही डोप टेस्ट किया गया. और अब विटलिफ्टिंग टीम के साथ जुडे फिजियो अक्रांत सक्सैना को गेम्स विलेज से बाहर कर दिया गया है.


अमर उजाला में छपी खबर के मुताबिक रविवार को जब भारतीय टीम पहुंची थी तब तो उन्हें गेम्स विलेज में ही रहने दिया गया लेकिन बाद में उनसे कहा गया कि उनके कार्ड पर पर्सनल कोच लिखा है जिसकी विलेज में एंट्री नहीं है.

वेटलिफ्टिंग टीम के साथ चार कोच हैं लेकिन एक भी फिजियो नहीं है . इन गेम्स में भारत गोल्ड मेडल की सबसे बड़ी उम्मीद वेटलिफ्टर मीराबाई चानू की गुजारिश पर फिजियो को टीम के साथ भेजा गया था. खेल मंत्रालय और आईओए ने वेटलिफ्टिंग के मैनेजर चंद्रहंस राय की जगह पर फिजियो को भेजे जाने की मंजूरी दे दी थी और उनका एक्रिडिटेशन कार्ड भी बनवा दिया गया लेकिन उस कार्ड पर गेम्स विलेज में उनकी एंट्री नहीं हो रही है.

फिजियो को अब टीम के कोच ने गेम्स विलेज से 10 किलोमीटर दूर ठहराया है.

वहीं बॉक्सर्स की लॉबी में पाई गई सिरिंज के मामले में भारतीय दल के साथ गए  डॉक्टर अमोल पाटिल को चेतावनी दी गई है.  डॉक्टर पाटिल ने इस मामले की सुनवई के दौरान यह बात कबूल की कि उन्होंने गलती से सिरिंज गलत जगह पर रख दी थीं जिससे कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन की नो नीडिल पॉलिसी का उल्लंघन हो गया.

डॉक्टर पाटिल को दी गई चेतावनी की एक कॉपी भारतीय दलके शेफ डे मिशन को भी सौंपी गई है.