21वें कॉमनवेल्थ गेम्स के जिस एक खेल में भारत ने सबसे ज्यादा मेडल जीते वह खेल अगले कॉमनवेल्थ गेम्स में सम्मिलित नहीं होगा. इस पर मंगलवार को भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) के अध्यक्ष रनिंदर सिंह ने कड़े शब्दों में कहा कि अगर बर्मिंघम में 2022 में होने वाले कॉमनवेल्थ खेलों में शूटिंग को शामिल नहीं किया जाता है, तो देश को इन खेलों का बहिष्कार करना चाहिए.
रनिंदर गोल्ड कोस्ट में शानदार प्रदर्शन कर वापस लौटे भारतीय निशानेबाजों के सम्मान समारोह में बोल रहे थे. उन्होंने कहा, 'मैं एक-दो दिन में केंद्रीय खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और आईओए को पत्र लिखकर उनसे 2022 कॉमनवेल्थ खेलोंमें शूटिंग शामिल नहीं किए जाने की स्थिति में इन खेलों का बहिष्कार करने का आग्रह करूंगा.' हालांकि इन्हीं खेलों में भारत को ओलिंपिक में मेडल दिलाने वाले और मौजूदा खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ पहले ही शूटिंग को अगले कॉमनवेल्थ गेम्स में जारी रखने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं.
सीजीएफ ने किया स्थानीय आयोजन समिति के फैसले का समर्थन
दरअसल बर्मिंघम खेलों की स्थानीय आयोजन समिति के फैसले जिसमें शूटिंग को 2022 कॉमनवेल्थ खेलों में शामिल न करने के फैसले का समर्थन करते हुए सीजीएफ ने लॉजिस्टिक संबंधी मामलों का हवाला दिया था. जिसके बाद सीजीएफ के सीईओ डेविड ग्रेवमबर्ग ने इस साल के शुरू में 2022 खेलों के आयोजकों को लिखे पत्र में कहा था, 'शूटिंग 2022 कॉमनवेल्थ खेलों में शामिल नहीं होगा.'
कॉमनवेल्थ गेम्स में वैकल्पिक खेल है शूटिंग
हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया था कि इस खेल को कॉमनवेल्थ गेम्स से हमेशा के लिए नहीं हटाया गया है. यह वैकल्पिक खेल बना रहेगा और किसी खास कॉमनवेल्थ गेम्स का मेजबान शहर इसे मुख्य खेलों में शामिल कर सकता है. बता दें कि शूटिंग कॉमनवेल्थ गेम्स में वैकल्पिक खेल है. 1966 से इन खेलों का हिस्सा रहने वाले शूटिंग को पहले भी एक बार साल 1970 में एडिनबर्ग खेलों शामिल नहीं किया गया था. हालांकि रनिंदर ने कहा है कि एनआरएआई, अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी महासंघ (आईएसएसएफ), राष्ट्रमंडल खेल महासंघ और बर्मिंघम खेल आयोजन समिति के संपर्क में है ताकि शूटिंग को इन खेलों में शामिल किया जा सके.