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CWG 2018: ट्रांसजेंडर लॉरेल हबर्ड का गोल्ड कोस्ट में हो रहा है विरोध

पुरुष से महिला बनी लॉरेल हबार्ड के नाम पुरुष के तौर पर भी कई रिकॉर्ड शामिल हैं

Nitesh Ojha

जिंदगी के 35 साल एक पुरुष के रूप में बिता चुकी लॉरेल हबॉर्ड जन्म से ही महिला नहीं हैं. लगभग पांच साल पहले ही उन्होंने सेक्स चेंज करवाने के बाद खुद को महिला घोषित किया था. दरअसल उनका जन्म ऑकलैंड के मेयर डिक हबॉर्ड के घर एक पुरुष गविन हबॉर्ड के रूप में हुआ था.

कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लेने वाली पहली ट्रांसजेंडर महिला


21वें कॉमनवेल्थ गेम्स के वेटलिफ्टिंग में हिस्सा लेने वाली लॉरेल हबॉर्ड पुरुष के रूप में भी कई वेटलिफ्टिंग रिकॉर्ड्स अपने नाम कर चुकीं थीं.  20 साल की उम्र में गेविन हबॉर्ड के तौर पर उन्होंने न्यूजीलैंड के पुरुष जूनियर 105+ किग्रा भार वर्ग का रिकॉर्ड अपने नाम किया था. शारीरिक तौर पर वह उस समय पुरुष थी.

30 साल की उम्र में गेविन हबॉर्ड के तौर पर उन्होंने आखिरी पुरुष वेटलिफ्टिंग मुकाबले में हिस्सा लिया. जिसके बाद वह शरीर में बदलाव के चलते इस खेल से कई वर्षों के लिए दूर हो गईं.  35 साल की उम्र में उन्होंने अधिकारिक तौर पर अपने सेक्स चेंज की जानकारी दी और अपना नाम गेविन हबॉर्ड से लॉरेल हबॉर्ड कर लिया.

पांच साल पहले खुद को महिला घोषित कर चुकी 40 साल की लॉरेल ने सेक्स चेंज करने के बाद सोमवार को पहली बार गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लिया. सोशल मीडिया और पत्रकारों से खुद को दूर रखने वाली लॉरेल ने सेक्स चेंज के बाद  पहली बार इतनी भीड़ के सामने किसी स्पर्धा में हिस्सा लिया. वह उन कुछ चुनिंदा ट्रांसजेंडर महिलाओं में हैं जिन्होंने इतने बड़े खेलों में हिस्सा लिया है.

सबसे लंबी और ताकतवर महिला वेटलिफ्टर हैं लॉरेल

छह फीट लंबी और 130 किग्रा की लॉरेल 90+ किग्रा कैटेगरी में सबसे लंबी और वजनी एथलीट थी. उन्होंने इस प्रतिस्पर्धा के पहले प्रयास में 120 किग्रा वजन उठाया. जिसके बाद अगले प्रयास में वह 127 किग्रा वजन उठाने में विफल रहीं. इसी प्रयास में उनकी कोहनी में मोच आ गई और वह इस प्रतिस्पर्धा से बाहर हो गईं.

मुकाबले के बाद हबॉर्ड ने नम आंखों से कहा 'यहां शानदार दर्शक थे, मैं इन्हें शानदार प्रदर्शन कर के कुछ देना चाहती थी. मुझे आज का एकमात्र अफसोस है कि मैं ऐसा करने में असमर्थ रही.'

लॉरेल के महिला वेटलिफ्टिंग में हिस्सा लेने का जमकर हो रहा है विरोध

पुरुष से महिला बनी लॉरेल के महिला स्पर्धाओं में हिस्सा लेने के कारण कई विवादों ने जन्म ले लिया है. समोआ के कोच जेरेमी वॉलवर्क ने कहा कि उनको महिलाओं की स्पर्धा में हिस्सा लेने की अनुमती देना बाकी एथलीटों के साध बेइमानी होगी. जेरेमी ने कहा 'मैनें उसे 2004 ओशियानिया चैंपियनशिप में देखा था, वहां शायद उसने गोल्ड मेडल जीता था. उस समय वह न्यूजीलैंड में रिकॉर्ड होल्डर था. वह बहुत शानदार लिफ्टर था.' इसी बात को तर्क बना कर समोआ के कोच का मानना है कि लॉरेल में अभी भी पुरुषों की वाली ताकत है.

लॉरेल का कॉमनवेल्थ खेलों में हिस्सा लेने पर ऑस्ट्रेलिया को भी एतराज है. ऑस्ट्रेलिया की वेटलिफ्टिंग टीम ने विरोध दर्ज कराते हुए सीडब्ल्यूजी संघ से हबॉर्ड को निलंबित किए जाने की अपील की है. वही समोआ के कोच ने आईओसी को पत्र भेजकर टोक्यो ऑलिंपिक में हबॉर्ड की एंट्री रद्द करने की मांग संबंधी पत्र लिखने की बात भी कही.

आईडब्ल्यूएफ और आईओसी ने दी है मान्यता

हालांकि इंटरनेशनल वेटलिफ्टिंग फेडरेशन (आईडब्ल्यूएफ) और इंटरनेशनल ऑलिंपिक कमेटी (आईओसी) ने लॉरेल के यौन पुनर्गठन और सेक्स संबंधी तमाम नियम कायदों पर खरा उतरने के बाद उन्हें मान्यता दे दी.

जिसके बाद पिछले साल उन्होंने अमेरिका में आयोजित वर्ल्ड चैंपियनशिप दस्ते में भी जगह बनाई थी. वहां उन्होंने सिल्वर मेडल भी जीता था. यह महिला के तौर पर उनका पहला मेडल था. वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी अमेरिका ने लॉरेल के हिस्सा लेने का कड़ा विरोध किया था.