गोल्ड कोस्ट में कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय हॉकी टीम का आगाज अच्छा नही रहा. आखिरी के सात सैकेंड्स तक मैच में 2-1 की बढ़त के साथ खेल रही टीम इंडिया को इस मैच में ड्रॉ से संतोष करना पड़ा लेकिन आखिरी वक्त हुए पाकिस्तान के बराबरी वाले गोल में वीडियो अंपायर का फैसला विवादित नजर आ रहा है.
दरअसल खेल के आखिरी वक्त में पाकिस्तान को एक पेनल्टी कॉर्नर दिया गया. पाकिस्तान ने आखिरी वक्त में भारतीय गोलपोस्ट पर हमला किया. पाकिस्तान के खिलाड़ी इरफान जूनियर को भारतीय डिफेंडर्स ने रोकने की कोशिश की और रुपिंदर पास सिंह ने गेंद डिफ्लेक्ट किया. इसी दौरान पाकिस्तान की टीम ने दावा किया कि के गेंद भारतीय डिफेंडर गुरिंदर के पैर में लगी है और रेफरल लिया.
टीवी रीप्ले में नहीं दिखा कि गेंद किसी भी भारतीय डिफेंडर के पेर से टकराई हो लेकिन वीडियो अंपायर ने पाकिस्तान के रैफरल को सहीं ठहराते हुए पाकिस्तान को एक और पेनल्टी कॉर्नर दे दिया.
इतना जरूर था कि गुरिंदर ने पाकिस्तानी खिलाड़ी को हल्का सा पुश किया था लेकिन यह साफ था कि गेंद उनके पैर से नहीं टकराई है इसके बावजूद वीडियो अंपायर ने पाकिस्तान को पेनल्टॉ कॉर्नर देने का फैसला किया.
वीडियो अंपायर का यह इकलौता फैसला नहीं था जिसके सही होने पर सवाल उठ रहे हों. इस फैसले से एन पहले भी वीडियो अंपायर ने पाकिस्तान पेनल्टी कॉर्नर देने का फैसला किया जिसमे किसी भी भारतीय डिफेंडर का पैर गेंद को छूता हुआ नहीं दिख रहा था.
अंपायर को अगर संदेह था तो तो संदेह का लाभ डिफेंडिंग टीम यानी भारत को मिलना चाहिए था लेकिन यह लाभ पाकिस्तान को दे दिया गया.
इसी आखिरी वक्त में मिले सनहरे मौके को भुनाते हुए पाकिस्तान ने गोल दाग कर इस मुकाबले को 2-2 की बराबरी पर खत्म किया.
हालांकि भारतीय टीम ने इस मुकाबले के आखिरी दो क्वार्टर्स में बेहद निराशाजनक खेल दिखाया लेकिन अगर पाकिस्तान इस मुकाबले को ड्रॉ कराने में कामयाब हो सका तो उसमें वीडियो अंपायर की भूमिका भी साफ नजर आ रही है.