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CWG 2018, भारत का प्रदर्शन: मीराबाई के गोल्डन आगाज को मनिका-सायना ने अंजाम तक पहुंचाया

गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत 26 गोल्ड मेडल समेत कुल 66 मेडल हासिल करके तीसरी पोजिशन पर रहा

Sumit Kumar Dubey

गोल्ड कोस्ट में चार अप्रैल से शुरू हुए कॉमवेल्थ गेम्स से पहले भारत में सबसे बड़ा सवाल यही था कि क्या इस बार भारतीय एथलीट्स ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स की मेडल टेली में कुछ सुधार कर पाएंगे या नहीं. रविवार को गेम्स का समापन होने के साथ ही इस सवाल का जो जबाव मिला है वह भारतीय खेल प्रेमियों के लिए राहत भरा है तो है ही साथ ही भविष्य की उम्मीद भी जताता है.

भारतीय एथलीट्स नें गोल्ड कोस्ट में ना सिर्फ ग्लास्गो से ज्यादा मेडल हासिल किए बल्कि 26 गोल्ड, 20 सिल्वर और 20 ब्रॉन्ज के साथ मेडल टेली में भी तीसरी पोजिशन हासिल की.


ग्लास्गो में भारत 15 गोल्ड मेडल के साथ इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और स्कॉटलैंड के बाद पांचवीं पोजिशन पर था लेकिन इस बार भारत ने कनाडा और स्कॉटलैंड को काफी पीछे छोड़ दिया. 2010 में दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में दूसरे पायदान पर रहने के बाद यह इन गेम्स में यह भारत की अब तक की सर्वश्रेष्ठ पोजिशन है.

वेटलिफ्टर्स ने की गोल्डन शुरुआत

गोल्डकोस्ट में जिस तरह से भारतीय टीम पर सोने की बरसात हुई है उसका आगाज वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने किया था. भारतीय वेटलिफ्टर्स ने पांच गोल्ड मेडल, दो सिल्वर मेडल और दो ब्रॉन्ज मेडल समेत कुल 9 मेडल जीतकर भारत को शुरुआत से ही मेडल टेली में टॉप 4 देशों में बरकरार रखा. ग्लास्गो में भारत को वेटलिफ्टिंग में तीन गोल्ड हासिल हुए थे. भारतीय लिफ्टर्स का यह शानदार प्रदर्शन है.

टेबल टेनिस ने सबको चौंकाया

गोल्ड कोस्ट में टेबल टेनिस एक ऐसा इवेंट रहा जिसमें भारतीय एथलीट्स ने ना सिर्फ अपने देशवासियों को बल्कि पूरी दुनिया को भी हैरत में डाल दिया. महिला टीम ने टेबल टेनिस के पावर हाउस सिंगापुर को फाइनल मुकाबले में हरा कर जो शानदार शुरुआत की वह पूरे इवेंट में बरकरार रही. महिला टीम के बाद पुरुष टीम ने भी गोल्ड मेडल जीता और इन गेम्स में भारत के लिए सबसे ज्यादा चार मेडल जीतने वालीं मनिका बत्रा ने भी महिला सिंगल्स में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया.

भारत ने इससे पहले कॉमनवेल्थ गेम्स में कभी गोल्ड मेडल नही जीता था लेकिन बार इस इस इवेंट में तीन गोल्ड, दो सिल्वर और तीन ब्रॉन्ज समेत कुल आठ मेडल हासिल हुए. ग्लास्गो गेम्स में टेबल टेनिस में भारत को महज एक सिल्वर मेडल ही हासिल हुआ था.

शूटर्स के गोल्डन निशानों ने बरकरार रखी भारत की पोजिशन

कॉमनवेल्थ गेम्स में शूटर्स हमेशा से ही भारत को सबसे अधिक मेडल दिलाते रहे हैं. ग्लास्गो में यह रुतबा शूटर्स की बजाय भारतीय रेसलर्स को हासिल हुआ था. चार सार पहले की इस कमी को गोल्ड कोस्ट में शूटर्स ने पूरा करते हुए भारत के लिए गोल्ड समेत सर्वाधिक मेडल अपने नाम किए.

शूटर्स ने सात गोल्ड, चार सिल्वर और पांच ब्रॉन्ज जीतकर कुल 16 मेडल अपने नाम किए. ग्लास्गो ने भारतीय शूटर्स ने 17 मेडल्स जरूर हासिल किए थे लेकिन उनमें बस चार ही गोल्ड थे. चार साल बाद होने वाले बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में शूटिंग को जगह नहीं दी गई है लिहाजा इसका असर मेडल टेली में भारत की पोजिशन पर जरूर दिखेगा.

100 फीसदी रही रेसलिंग की स्ट्राइक रेट

ग्लासगो में भारत के लिए सबसे ज्यादा गोल्ड मेडल दिलाने वाले इवेंट रेसलिंग में इस बार भी खूब मेडल आए. भारत की ओर कुल 12 रेसलर्स ने इस गेम्स में भाग लिया और सभी ने मेडल जीते. भारतीय रेसलर्स ने पिछले गेम्स के बराबर 5 गोल्ड मेडल अपने नाम किए.

तीन सिल्वर और चार ब्रॉन्ज के साथ रेसलिंग भरत को 12 मेडल हासिल हुए. सुशील कुमार ने शानदार वापसी करते हुए 74 किलोग्राम की कैटेगरी में लगातार तीसरी बार कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल हासिल किया.

बॉक्सर्स लगाए गोल्ड पंच

ग्लास्गो में भारती बॉक्स एक भी गोल्ड मेडल हासिल नहीं कर सके थे लेकिन इस बार भारतीय बॉक्सर्स का प्रदर्शन शानदार रहा.

गोल्ड कोस्ट में भारत ने बॉक्सिंग में तीन गोल्ड, तीन सिल्वर और तीन ब्रॉन्ज मेडल हासिल किए. मैरीकॉम की वापसी शानदार रही.

बैटमिंटन में भी हुआ कमाल

ग्लास्गो में भारत को इस इवेंट में एक गोल्ड, एक सिल्वर और दो ब्रॉन्ज समेत कुल चार मेडल हासिल किए थे लेकिन गोल्ड कोस्ट में कहानी बदल गई. मिक्स्ड टीम के अलावा सायना नेहवाल में महिला सिंगल्स में गोल्ड मेडल हासिल किया तो सिंधु, श्रीकांत और मेंस डबल्स की टीम ने गोल्ड से एक कदम दूर यानी सिल्वर मेडल तक का सफर तय किया.

वीमंस डबल्स के ब्रॉन्ज मेडल को मिलाकर भारतीय शटलर्स ने कुल छह मेडल अपने नाम किए.

हॉकी में हाथ लगी निराशा

पिछले दो कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल हासिल करने वाली भारत की पुरुषों की टीम से इस बार भी मेडल की उम्मीद थी लेकिन उसने निराश किया. पुरुषों और महिलाओं की टीम ने ब्रॉन्ज मेडल की दावेदारी तो पेश की लेकिन उसे जीत नहीं सकीं.

एथटिक्स में ग्लास्गो में भारत ने जो एक गोल्ड,एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल जीते थे वह संख्या इस बार भी बराबर रही. नीरज चौपड़ा ने जैवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल हासिल किया.

स्क्वॉश में दीपिका पल्लीकल और जोशन चिनप्पा की जोड़ी ग्लास्गो में जीते गोल्ड मेडल को बरकरार नहीं रख सकी और इस बार सिल्वर ही जीत सकी.