हाल ही में गोल्ड कोस्ट में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स गोल्ड मेडल जीतने वाले राहुल अवारे ने एशियाई खेलों में कम वजन वर्गों में मिलने वाली चुनौती की तुलना ओलिंपिक से की है. उन्होंने कहा कि कम वजन वर्गों में ज्यादातर मेडल एशियाई देशों से हैं. अवारे में कहा कि बीते ओलिंपिक में 55-60 किग्रा में एशियाई खिलाड़ी ही विजेता रह चुके हैं. इसी वजह से कम वजन वर्गों में एशियाई खेल ओलिंपिक की तरह हैं.उन्होंने कहा कि ओलिंपिक में कम वजन वर्गों के परिणामों को देखिए. आप देखेंगे कि जापान और कोरिया ने कम वजन वर्गों में जीत दर्ज की हैं. जब कोई पहलवान एशियाई चैम्पियन बनता है तो वह ओलंपिक पदक का दावेदार होता है.
अवारे ने आॅस्ट्रेलिया में कॉमनवेल्थ गेम्स में पदार्पण करते हुए गोल्ड मेडल जीता था. उन्होंने कहा कि भले ही ये कैसे भी खेल हों, कॉमनवेल्थ या ओलिंपिक, खेल तो खेल हैं और हर एथलीट इसके लिए तैयार होकर आता है. खेलों से पहले ट्रायल्स सबसे ज्यादा कठिन होते हैं, ट्रायल्स जीतना खेलों में जीतने से ज्यादा मुश्किल है. इसलिए इस संबंध में कॉमलवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीतना एशियाई खेलों के लिए मददगार होगा, क्योंकि काफी लंबे समय बाद मैंने बड़े टूर्नामेंट में जीत दर्ज की है.अवारे ने कहा कि वह अगस्त में एशियाई खेलों से पहले जार्जिया में ट्रेनिंग की योजना बना रहे हैं.