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CWG 2018: 1930 में कनाडा के हैमिल्टन में 11 देशों के 400 एथलीटों ने लिया था भाग

महिलाओं ने सिर्फ तैराकी के मुकाबलों में हिस्सा लिया था

FP Staff

पहले कॉमनवेल्थ गेम्स ब्रिटिश एंपायर गेम्स के नाम से कनाडा के शहर हैमिल्टन में 1930 में आयोजित किए गए. पहली प्रतियोगिता में 11 देशों ने कुल 400 एथलीट भेजे. महिलाओं ने सिर्फ तैराकी के मुकाबलों में हिस्सा लिया था.

हैमिल्टन में भाग लेने वाले देशों में ऑस्ट्रेलिया, बरमूडा, ब्रिटिश गयाना, कनाडा, इंग्लैंड, नॉर्थ आयरलैंड, न्यूफाउंड लैंड, न्यूजीलैंड, स्कॉटलैंड,  साउथ अफ्रीका और वेल्स शामिल थे. इन खेलों में भारत ने भाग नहीं लिया था. इसमें एथलेटिक्स, मुक्केबाजी, लॉन बाउल्स, नौकायन, तैराकी, डाइविंग और कुश्ती के मुकाबले हुए थे.


ब्रिटिश एंपायर गेम्स के पहले संस्करण में कुल 165 पदकों के लिए मुकाबले हुए जिसमें इंग्लैंड को 25 स्वर्ण समेत कुल 61 पदक मिले, जबकि मेजबान कनाडा को 20 स्वर्ण के साथ कुल 54 पदक मिले. ऑस्ट्रेलिया को तीन स्वर्ण के साथ सिर्फ आठ पदक मिले थे. दो मील के स्टीपलचेज को 9 मिनट, 52.0 सेकेंड में पूरा कर इंग्लैंड के जॉर्ज विलियम बेली ने विश्व रिकॉर्ड बनाया था. इंग्लैंड ने लॉन बाउल्स के तीनों मुकाबलों के स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया तो कुश्ती के सातों स्वर्ण पदक कनाडा ने जीत हासिल की.

इस आयोजन पर कुल 97,973 डॉलर का खर्च आया था. इस प्रतियोगिता का आयोजन काफी काम-चलाऊ तरीके से किया गया था. एथलीट विलेज के तौर पर सिविक स्टेडियम के पास स्थित प्रिंस ऑफ वेल्स स्कूल का इस्तेमाल किया गया था. एक कमरे में करीब दो दर्जन एथलीटों के सोने का इंतजाम था. हालांकि एथलीटों को कई बुनियादी सुविधाएं नही मिल पाई थीं, लेकिन फिर भी उन्होंने खेलों और हैमिल्टन की मेहमान-नवाजी की खूब तारीफ की.