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CWG 2018: 1950 ऑकलैंड खेलों में एक बार फिर भारत ने भाग नहीं लिया

1930 के बाद ये दूसरा मौका था जब भारतीय खिलाड़ियों ने इन खेलों में भाग नहीं लिया

FP Staff

दूसरे विश्व युद्ध के कारण 1942 और 1946 के ब्रिटिश एंपायर गेम्स का आयोजन नहीं हो सका. लेकिन ब्रिटिश हुकूमत वाले देशों में इन खेलों के प्रति उत्साह में कोई कमी नहीं आई. इन खेलों के चौथे संस्करण का आयोजन 1950 में ऑकलैंड (न्यूज़ीलैंड) में हुआ. न्यूज़ीलैंड पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आकर्षण का केंद्र बना था, लेकिन इस संस्करण में भारत ने भाग नहीं लिया. भारत ने इन खेलों के पहले संस्करण (1930, हैमिल्टन) में भी भाग नहीं लिया था.

यादगार रहा उद्घाटन समारोह


ऑकलैंड के इडेन पार्क में 40,000 लोगों ने उद्घाटन समारोह देखा, जबकि कुल दो लाख, 50 हजार लोगों ने ऑकलैंड में आयोजित मुकाबलों को देखा. इसका उदघाटन समारोह बेहद शानदार था. इसमें 12 देशों के 590 एथलीटों ने भाग लिया. हाल ही में आजाद हुए देश मलेशिया और नाइजीरिया ने इसमें पहली बार इन खेलों में शिरकत की. ऑकलैंड गेम्स में एथलेटिक्स, मुक्केबाजी, साइकिलिंग, लॉन बाउल्स, नौकायन, तैराकी, डाइविंग और कुश्ती के अलावा तलवारबाजी और भारोत्तोलन को भी शामिल किया गया.

न्यूजीलैंड 10 स्वर्ण के साथ तीसरे नंबर पर रहा

ऑकलैंड में हुए खेलों में भी ऑस्ट्रेलिया का दबदबा रहा और उसके खिलाड़ियों ने 34 स्वर्ण के साथ कुल 80 पदक हासिल किए. न्यूजीलैंड हालांकि पदक तालिका में स्वर्ण पदकों के मामले में 10 स्वर्ण के साथ तीसरे नंबर पर रहा, लेकिन वह कुल पदकों की संख्या में इंग्लैंड के 48 के मुकाबले 54 पदक जीतने में सफल रहा. कनाडा को आठ स्वर्ण के साथ कुल 30 पदक मिले. पहली बार शामिल किए गए तलवारबाजी के मुकाबलों में इंग्लैंड ने सात में से छह स्वर्ण पदक जीतकर एक तरह से क्लीन स्वीप कर दिया. इस बार ऐसा कोई देश नहीं था जिसने कोई ना कोई पदक हासिल ना किया हो.