कॉमनवेल्थ गेम्स खत्म हो चुके हैं और भारत 66 मेडल्स के साथ तीसरे स्थान पर रहा. इस बार भारत ने 26 गोल्ड अपने नाम किए, जो पिछले कॉमनवेल्थ से कहीं अधिक है. 2014 में ग्लास्गो कॉमनवेल्थ में भारत ने 15 गोल्ड जीते थे, लेकिन इस बार युवा और अनुभवी खिलाड़ियों के मिश्रित दल ने इसकी संख्या बढ़ा दी है. नए जोश के साथ उतरे नए उतरे खिलाड़ियों ने दिग्गजों को हराकर चैंपियन बने. चार साल तक अपने लय को बरकरार रख पाना वाकई मुश्किल होता है, लेकिन इस गोल्ड कोस्ट में भले ही युवा खिलाड़ियों का दम अधिक रहा, लेकिन कुछ अनुभवी खिलाड़ी अपने उसी लय में दिखे, जिस लय में वह 2014 में थे. गोल्ड कोस्ट में भारतीय दल में 5 ऐसे गोल्ड मेडलिस्ट रहे, जिन्होंने ग्लास्गो में भी गोल्ड जीता. हालांकि इनमें से 3 खिलाड़ियों ने अपनी कैटेगरी भी बदली और उसमें भी सफल रहे और दो खिलाड़ी अपने खिताब को बचाने में नहीं बल्कि बरकरार रखने में कामयाब रहे.
संजीता चानू
चार साल पहले 48 किग्रा में संजीता चानू ने कुल 173 किग्रा वजन उठाकर सोना जीता था, लेकिन इस बार चानू में नई कैटेगरी में उतरी. 58 किग्रा में चानू में वहीं पुराना वाला जोश दिखाया और स्नैच में कॉमनवेल्थ गेम्स का रिकॉर्ड तोड़ते हुए 84 किग्रा उठाया। क्लीन एंड जर्क में 108 किग्रा वजन उठाया और कुल 192 किग्रा वजन उठाकर उंची वेट कैटेगरी में भी अपना दमखम कायम किया. 48 किग्रा में इस बार गोल्ड मीराबाई चानू ने जीता.
जीतू राय
भारत के स्टार निशानेबाज जीतू राय ने 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स में 50 मीटर एयर पिस्टल में गोल्ड पर निशाना लगाया. क्वालिफिकेशन राउंड में 562 का स्कोर करते हुए जीतू ने कॉमनवेल्थ गेम्स का रिकॉर्ड स्थापित किया था, लेकिन इस बार जीतू ने 50 मीटर में नहीं बल्कि 10 मीटर एयर पिस्टल में गोल्ड जीता. दरअसल 2016 रियो ओलिंपिक में खराब प्रदर्शन के बाद जीतू ने फैसला किया था कि वह 10 मीटर पर अपना पूरा ध्यान लगाएंगे. हालांकि जीतू 50 मीटर एयर पिस्टल में भी उतरे थे, लेकिन वहां सफल न हो सके.
विनेश फोगट
2014 कॉमनवेल्थ गेम्स में विनेश फोगट ने 48 किग्रा में गोल्ड जीता था, लेकिन गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में कैटेगरी बदलने के कारण उन्हें 50 किग्रा में उतरना पड़ा, लेकिन यहां पर भी वह चूकी नहीं और अपना पुराना गोल्डन दांव खेल डाला.
सुशील कुमार
ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स में सुशील ने 74 किग्रा कैटेगरी में गोल्ड जीता, लेकिन इन चार सालों में उनके सामने अपनी इस लय को बरकरार रखना चुनौती थी. काफी विवादों के बाद वह गोल्ड कोस्ट में अपने पुराने अंदाज में ही दिखे और इसी कैटेगरी में गोल्ड जीतकर अपना खिताब बरकरार रखा. वैसे सुशील का कॉमनवेल्थ गेम्स में यह लगातार तीसरा गोल्ड मेडल है. 2010 दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में सुशील ने 66 किग्रा में सोना जीता था.
सतीश शिवलिंगम
वेटलिफ्टर सतीश शिवलिंगम ने लगातार दूसरी बार 77 किग्रा वेट कैटेगरी में गोल्ड जीता. हालांकि ग्लास्गो की तुलना में इस बार वह कम वजन ही उठा पाए, लेकिन अपना खिताब बरकरार रखने में सफल रहे. ग्लास्गो में सतीश ने स्नैच में 149 और क्लीन एंड जर्क मं 179 को मिलाकर कुल 328 किग्रा वजन उठाया था। वहीं गोल्ड कोस्ट में स्नैच में 144 और क्लीन एंड जर्क में 173 सहित कुल 317 किग्रा वजन उठाया.