भारतीय महिला हॉकी टीम ने 2002 में कॉमनवेल्थ गेम्स में अपनाा गोल्ड मेडल जीता था और फिर उसके अगले कॉमनवेल्थ गेम्स यानी 2006 में सिल्वर मेडल अपने नाम किया, लेकिन उसके बाद कॉमनवेल्थ में कोई भी पदक जीतना टीम का एक सपना मात्र ही रह गया.
अगले महीने गोल्ड कोस्ट में कॉमनवेल्थ गेम्स शुरू होने जा रहे हैं और 18 सदस्यीय भारतीय महिला हॉकी टीम की अगुवाई करने वाली रानी रामपाल को पूरी उम्मीद है कि टीम 2002 में रचे गए इतिहास को दोहराने में कामयाब होगी. गोलकीपर सविता को उप कप्तान की जिम्मेदारी दी गई है. जिन्हें साउथ कोरियाई दौरे पर आराम दिया गया था.
वेल्स के खिलाफ अपने अभियान का आगाज करेगी भारतीय टीम
4 अप्रेल से शुरू होने वाले इन खेलों में भारतीय टीम को मलेशिया, वेल्स, इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका के साथ पूल ए में रखा गया है. भारत अपने अभियान की शुरुआत 5 अप्रैल को वेल्स के खिलाफ करेगा. भारतीय टीम अभी विश्व में दसवें नंबर पर है और उसे विश्व में नंबर दो इंग्लैंड, नंबर चार न्यूजीलैंड और नंबर पांच मेजबान आॅस्ट्रेलिया से कड़ी चुनौती मिलने की संभावना है.
2010 और 2014 के पांचवें स्थान पर रही थी टीम
भारतीय टीम ने 2002 में कॉमनवेल्थ का अपना पहला गोल्ड मेडल जीता था और 2006 में सिल्वर मेडल अपने खाते में जोड़ा, लेकिन 2010 और 2014 में अपने लचर प्रदर्शन के चलते पांचवें स्थान पर रही थी.
टीम इस प्रकार है :
गोलकीपर: सविता (उप कप्तान), रजनी इतिमारपु.
डिफेंडर : दीपिका, सुनीता लाकड़ा, दीप ग्रेस एक्का, गुरजीत कौर, सुशीला चानू पुखरामबाम.
मिडफील्डर : मोनिका, नमिता टोप्पो, निकी प्रधान, नेहा गोयल, लिलिमा मिंज.
फॉरवर्ड : रानी (कप्तान), वंदना कटारिया, लालरेमसियामी, नवजोत कौर, नवनीत कौर, पूनम रानी.