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CWG 2018, Shooting : भारतीय शूटर जमाएंगे दबदबा, मनु पर लगी होगी सबकी नजरें

कॉमनवेल्थ खेलों में हमेशा ही भारतीय शूटरों ने शानदार प्रदर्शन किया है एक बार फिर उनसे यही उम्मीद होगी

Bhasha

उस खेल का वक्त आ गया, जिसके साथ पिछले कई ओलिंपिक, एशियाड में भारत की सबसे बड़ी उम्मीदें जुड़ी होती हैं. शूटिंग की शुरुआत रविवार से होनी है. कॉमवेल्थ खेलों में सभी भारतीय शूटर पदक बटोरना चाहेंगे और साबित करना चाहेंगे कि उनसे इस कदर उम्मीदें क्यों होती हैं..

दावेदार कई हैं. हालांकि सभी की निगाहें युवा मुन भाकर पर लगी होंगी. वह बेलमोंट शूटिंग रेंज में अनुभवी हीना सिद्धू के साथ महिला 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में चुनौती पेश करेंगी. शूटिंग स्पर्धा के पहले दिन रवि कुमार और दीपक कुमार भी पुरुष 10 मीटर एयर राइफल में भाग लेंगे.


सानिया शेख और महेश्वरी चौहान महिला स्कीट में निशाना साधेंगी, जिसका फाइनल्स भी रविवार को ही क्वालिफिकेशन के बाद हो जाएगा. लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा मनु को लेकर ही हैं, जिन्होंने पिछले महीने मेक्सिको में अपने पहले ही सीनियर आईएसएसएफ विश्व कप में दो स्वर्ण जीते थे. हरियाणा के झज्जर की इस निशानेबाज ने सिडनी में जूनियर विश्व कप में भी दो और स्वर्ण पदक अपने नाम किए.

स्मित सिंह और शिराज शेख भी पुरुष स्कीट स्पर्धा के क्वालीफिकेशन के पहले दिन भाग लेंगे. वहीं चैन सिंह, जीतू राय, ओमप्रकाश मिथारवाल, अंजुम मौदगिल, तेजस्विनी सावंत, हीना और श्रेयसी सिंह एक से ज्यादा इवेंट में शिरकत करेंगे. चयनकर्ता 15 पुरुष और 12 महिला निशानेबाजों के कोटे से एक मजबूत टीम बनाने में सफल रहे.

शूटिंग में कोटा कम होने का भारत पर भी असर

कॉमनवेल्थ गेम्स के आयोजकों को हाल में सभी देशों के प्रतिभागियों के कोटे को कम करना पड़ा, जिससे भारतीय निशानेबाजों का कोटा पहले के निर्धारित 30 से 27 तक घटाना पड़ा.

राइफल , पिस्टल और शॉटगन वर्गों में कुल नौ पुरुष और आठ महिला स्पर्धाएं कराई जाएंगी. फिर टीम में ओलंपिक कांस्य पदकधारी गगन नारंग भी मौजूद हैं, जो काफी अनुभवी हैं. वह युवा निशानेबाजों को जरूरी जानकारियां मुहैया करा रहे हैं.

युवा और अनुभवी का मिश्रण है भारतीय टीम में

टीम में अनुभवी और युवा निशानेबाजों का अच्छा मिश्रण है, भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ ने चार जूनियर निशानेबाजों को शामिल किया है जिसमें से कुछ 25 साल से कम की उम्र के हैं.

कुछ निशानेबाजों को इस रेंज में निशानेबाजी का अनुभव है जिस पर पिछले साल नवंबर में कॉमनवेल्थ की मेजबानी हुई थी जिससे कुछ मदद मिल सकती है.

भारत का कॉमनवेल्थ खेलों में निशानेबाजी में दबदबा रहा है जिसमें उन्होंने 2014 ग्लास्गो खेलों में देश के 64 पदकों में से 17 पदक जीते थे. 2010 में भारत ने अपनी मेजबानी में शूटिंग में 30 से ज्यादा पोडियम स्थान हासिल किए थे.

(भाषा के इनपुट के साथ)