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CWG 2018: एक बार फिर खुद को साबित करने के इरादे से उतरेगी सरिता देवी

2014 इंचियोन एशियाड में अपना मेडल वापस करने के कारण प्रतिबंध झेल चुकी है सरिता

FP Staff

नाम: लेशराम सरिता देवी

उम्र: 36


खेल: मुक्केबाजी

कैटेगरी: 60 किग्रा भार वर्ग

पिछला कॉमनवेल्थ प्रदर्शन: 2014 ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल

पूर्व विश्व चैंपियन मणिपुर की लेशराम सरिता देवी ने पिछले कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल अपने नाम किया था और अब उनकी नजर पदक के रंग को बदलने पर है. हालांकि पिछले कॉमनवेल्थ से लेकर होने वाले इस कॉमनवेल्थ के बीच उनके पेशेवर करियर में कई उतार चढ़ाव आए, जिसका असर 2016 रियो ओलिंपिक के क्वालीफिकेशन में भी देखने को मिला. कॉमनवेल्थ में पदक जीतने से 2014 का वह साल सरिता देवी के लिए जितना अच्छा रहा, जाते- जाते उनको एक बुरा सपना भी दे गया था.

मोहम्मद अली से प्रभावित होकर 2000 में मुक्केबाजी में कदम रखने वाली सरिता देवी ने 2006 वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता, 2014 में कॉमनवेल्थ में सिल्वर जीता, लेकिन 2014 इंचियोन एशियाड की एक घटना ने सरिता के करियर को हिला कर दिया. साउथ कोरिया में हुए एशियन गेम्स में सरिता लाइटवेट कैटेगरी में उतरी और बेहतरीन प्रदर्शन के साथ सेमीफाइनल में जगह बनाई. अंतिम चार के इस मुकाबले में सरिता का सामना मेजबान पार्क जीना से हुआ, जिसमें उन्हें मैच के जज के निर्णय की वजह से 0-3 से हार का सामना करना पड़ा. जबकि सरिता ने विपक्षी खिलाड़ी को काफी प्रहार किए थे और साफतौर पर मुकाबला सरिता के खाते में जाता हुआ दिख रहा था. इसके विरोध में मेडल सेरेमनी में सरिता में अपना ब्रॉन्ज मेडल सिल्वर मेडलिस्ट पार्क को दे दिया. इसके बाद एआईबीए ने प्रतिबंध लगा दिया. करीब साल भर के प्रतिबंध के बाद वापस आई सरिता रियो ओलिंपिक क्वालीफाई करने से चूक गई थी.