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CWG 2018: आठ साल पुराने प्रदर्शन को दोहराने में कितने सफल होंगे मनोज?

2010 में मनोज ने गोल्ड मेडल जीता था, लेकिन 2014 में चूक गए

FP Staff

नाम: मनोज कुमार

उम्र: 31


स्पर्धा: मुक्केबाजी

कैटेगरी: 69 किग्रा भार वर्ग

पिछला कॉमनवेल्थ प्रदर्शन: 2010 में गोल्ड मेडल, 2014 क्वार्टरफाइनलिस्ट

ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स में अपने गोल्डन प्रदर्शन को बरकरार रखने से चूके मनोज कुमार से इस कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक में मजबूत दावेदारों में से एक है. अनुभवी खिलाड़ी शिवा थापा की गैरमौजूदगी में भारतीय मुक्केबाजों की जिम्मेदारी मनोज के ही कंधों पर है. 2010 दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडलिस्ट मनोज 2014 में क्वार्टरफाइनल में चूक गए थे. हरियाणा मूल के इस मुक्केबाज ने इस महामुकाबले के लिए पटियाला में लगे नेशनल कैंप में चीफ नेशनल कोच एसआर सिंह की देखरेख में तैयारी की. हाल ही में स्त्रांजा मेमोरियल टूर्नामेंट में इन्हें प्री क्वार्टर फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था, जिसके बा मनोज ने अपनी बाउट के वीडियो कई बार देखकर गलतियों को सुधारने का प्रयास किया. रियो ओलिंपिक में भी मनोज का सामना पांचवीं सीडेड खिलाड़ी से हुआ, लेकिन उसकी पावर से सामंजस्य ना बिठा पाने के कारण प्री क्वार्टर फाइनल से बाहर होना पड़ा.मनोज ने अपनी गलतियों को सुधारते हुए तकनीक पार काम किया. जिसमें खासतौर पर अटैक करने पर उनका ध्यान रहा. साथ ही फुट मूवमेंट में ज्यादा स्पीड लाने पर वर्क किया. इसी साल मनोज ने दिल्ली में हुए इंडियन ओपन बॉक्सिंग टूर्नामेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीता अपनी तैयारियों को पुख्ता किया.