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CWG 2018 Women's Hockey, India vs Australia : क्या गोल्ड कोस्ट में गूंजेगा 'चक दे इंडिया' का नारा !

कॉमनवेल्थ में भारत ने 2002 में गोल्ड और 2006 में सिल्वर मेडल जीता था, उसके बाद आज तक पांचवें स्थान पर रही

Kiran Singh

एक दशक से भी लंबे समय बाद कॉमनवेल्थ गेम्स के सेमीफाइनल में पहुंची भारतीय महिला हॉकी टीम की नजर आज विश्व की चौथे नंबर टीम और तीन बार की ओलिंपिक चैंपियन आॅस्ट्रेलिया को हराकर फाइनल 2006 के बाद पहली बार फाइनल में जगह बनाने पर होगी. कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ने 2002 में गोल्ड मेडल और 2006 में सिल्वर मेडल अपने नाम किया था, लेकिन पिछले दो बार से वह कॉमनवेल्थ में पांचवे स्थान पर रही है. रानी रामपाल की अगुवाई वाली टीम आज खिताबी मुकाबले में प्रवेश के साथ ही गोल्ड के काफी करीब पहुंच जाएगी.

आसान नहीं होगा मुकाबला


अपने से काफी कमजोर टीम वेल्स के हाथों हार से अपने अभियान की शुरुआत करने वाली विश्व की 10वें नंबर की टीम भारत ने उसके बाद शानदार तरीके से ओलिंपिक चैंपियन इंग्लैंड को हराकर मेडल की अपनी दावेदारी पेश की थी, इसके बाद साउथ अफ्रीका को हराकर फाइनल में पहुंची, लेकिन अब रानी रामपाल की टीम के साथ एक कठिन चुनौती है, मेजबान आॅस्ट्रेलिया को हराकर फाइनल तक जाने उसके लिए आसान नहीं होगा.

आॅस्ट्रेलिया के खिलाफ नहीं मिलेंगे ज्यादा मौके

पूल ए के मैच में साउथ अफ्रीका के खिलाफ एक मात्र गोल करके 1-0 से जीत दिलाने वाली कप्तान रानी रामपाल ने माना कि उन्हें और अधिक सुधार की जरूरत है. रानी रामपाल ने कहा कि टीम मजबूत टीमों के खिलाफ काफी आक्रामक खेल रही है और हमारे के लिए अहम यह कि इस मौके को हम दोनों हाथ से पकड़े. आॅस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले के लिए कप्तान ने कहा कि वह एक मजबूत टीम है और हमें उसके खिलाफ एक अच्छा खेल खेलने की जरूरत है, क्योंकि उसके खिलाफ ज्यादा मौके नहीं मिलेंगे. आॅस्ट्रेलिया अपने घर में खेल रही है, जो आसान नहीं होगा. कप्तान ने कहा कि इन सबसे बावजूद हमें खुद पर विश्वास है और देश के लिए मैदान पर हम अपना अच्छा प्रदर्शन करेंगे.

गलतियों पर किया काम

कॉमनवेल्थ गेम्स में अपने पहले ही मैच में गलतियों के कारण वेल्स जैसी कमजोर टीम के हाथों मैच गंवाने पर कप्तान ने कहा कि टूर्नामेंट में टीम की शुरुआत ही काफी टफ हुई थी, लेकिन लड़कियों ने अपनी गलतियों पर काम करने का फैसला लिया, जो वेल्स के खिलाफ मैच में की गई थी. इसके बाद अपने निश्चित किया कि अब वैसी गलती नहीं करेंगे। और हमें हमेशा ही खुद पर विश्वास होता है कि हमारी टीम दुनिया की किसी भी टीम को हरा सकती है.

कई जगह सुधार की जरूरत

मुख्य कोच हरेंद्र सिंह का मानना है कि गोल्ड के लिए टीम को कई जगह सुधार करने की जरूरत है. कोच ने कहा कि यह सही है कि हमारे लिए यह मैच बेहद जरूरी है, लेकिन एक खिलाड़ी के अंदर हमेशा जीत की भूख होनी चाहिए, न कि बड़ी उपलब्धि हासिल करने की संतुष्टि. हरेन्द्र सिंह ने कहा कि टीम प्रबंधन ने कई स्थान ऐसे देखे हैं, जहां टीम को सुधार की जरूरत है. इन स्थानों के बारे में टीम से ड्रेसिंग रूम में चर्चा की जाएगी.