वर्ष 1982 में ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत की झोली में 16 पदक आए. यहां भारत को पांच स्वर्ण, आठ रजत और तीन कांस्य पदक प्राप्त हुए. इस बार मात्र एक पदक का इजाफा हुआ. एक बार फिर पदक तालिका में भारत छठे स्थान से ऊपर खिसकने में नाकाम रहा. बैडमिंटन में सैयद मोदी ने प्रकाश पादुकोण की परंपरा को आगे बढ़ाया. सैयद मोदी ने इंग्लैंड के निक येट्स को हराकर स्वर्ण पदक जीता. बाकी चार पदक कुश्ती में मिले
पहलवान राजिंदर सिंह ने जीता लगातार दूसरा स्वर्ण
कुश्ती के 48 किलोग्राम वर्ग में राम चंदर सारंग को, 52 किलोग्राम वर्ग में महाबीर सिंह को, 68 किलोग्राम वर्ग में जगमिंदर सिंह को और 74 किलोग्राम वर्ग में राजिंदर सिंह को स्वर्ण पदक मिले. 74 किलोग्राम वर्ग में राजिंदर सिंह के लिए ये लगातार दूसरा स्वर्ण पदक था, उन्होंने वर्ष 1978 में भी स्वर्ण पदक हासिल किया था. वहीं कुश्ती के 57 किलोग्राम वर्ग में अशोक कुमार को, 90 किलोग्राम वर्ग में करतार सिंह को, 100 किलोग्राम वर्ग में सतपाल सिंह को और 100 किलोग्राम से अधिक वर्ग में (100+) राजिंदर सिंह को रजत पदक प्राप्त हुआ, जबकि जय प्रकाश कंगर को 82 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक प्राप्त हुआ.
निशानेबाजी में भी दो पदकों पर निशाना
निशानेबाजी में सेंटर फायर पिस्टल (टीम) वर्ग में अशोक पंडित और मोहिंदर लाल की टीम रजत पदक हासिल करने में सफल रही, जबकि रैपिड फायर पिस्टल (टीम) वर्ग में आरके बिज और शरद चौहान की जोड़ी ने कांस्य पदक जीता. वहीं मुक्केबाजी में चेनेंद्रा मचिहा को 67 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक प्राप्त हुआ. भारोत्तोलन में गुरुनादन कोमबैया ने 52 किलोग्राम वर्ग में, विजय कुमार सत्पथी ने 56 किलोग्राम वर्ग में और तमिल सेलवन ने 60 किलोग्राम वर्ग में रजत पदक हासिल किया.
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