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CWG 2018 : उद्घाटन समारोह में दिखा ऑस्ट्रेलियाई इतिहास और संस्कृति का अद्भुत संगम

रंगारंग उद्घाटन समारोह के साथ खूबसूरत शहर गोल्ड कोस्ट में बुधवार को 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स शुरू हो गए

Bhasha

ऑस्ट्रेलियाई विरासत और परंपरा के अद्भुत संगम का गवाह रहे रंगारंग उद्घाटन समारोह के साथ समुद्र तट पर बसे खूबसूरत शहर गोल्ड कोस्ट में बुधवार को 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स शुरू हो गए, लेकिन राष्ट्रमंडल के विचार के खिलाफ यहां मूल निवासियों का विरोध औपनिवेशिक क्रूरता की मार्मिक याद भी दिला गया.

विडंबना देखिए कि समारोह का मुख्य विषय ऑस्ट्रेलियाई मूल निवासियों (एबोरिजिनल) की विरासत रही. बादलों से घिरे आकाश और बीच-बीच में रिमझिम बारिश के बीच यह समारोह दो घंटे से भी अधिक समय तक चला. उद्घाटन समारोह में ब्रिटिश रॉयल्स ने हिस्सा लिया और उनकी मौजूदगी में गोल्ड कोस्ट ने कॉमनवेल्थ से जुड़े 71 देशों के खिलाड़ियों का दिल खोलकर स्वागत किया.


पीवी सिंधु थीं भारतीय ध्वजवाहक

भारतीय दल की अगुआई ओलंपिक रजत पदक विजेता पीवी सिंधु ने की जो भारतीय ध्वजवाहक थीं. जब भारतीय दल ने स्टेडियम में कदम रखा तो 25 हजार दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच उनका स्वागत किया. यह खेलों का मुख्य स्टेडियम हैं, जहां एथलेटिक्स की स्पर्धाएं भी होंगी. भारतीयों ने परंपरा के बजाय आरामदायक पोशाक को तवज्जो दी. उन्होंने परंपरागत साड़ी और बंद गला के बजाय ब्लेजर्स और पैंट में मार्च पास्ट किया.

विरोध प्रदर्शन हुआ नारे भी लगे

लेकिन स्टेडियम के अंदर का रंगारंग समारोह यहां के मूल निवासियों के विरोध प्रदर्शन को पूरी तरह से नहीं दबा पाया जिन्होंने नारे लगाए और शहर के स्पिट एरिया में लगभग एक घंटे तक क्वींस बैटन रिले रोके रखी. यह विरोध प्रदर्शन ब्रिटिश राज के दौरान की क्रूरता के खिलाफ किया गया. उनका कहना है कि देश का कॉमनवेल्थ के साथ कोई लेना देना नहीं होना चाहिए.

प्रिंस चार्ल्स ने खेलों के शुरुआत की घोषणा की

समारोह की शुरूआत मेहमानों के स्वागत से हुई जिसमें दुनिया की सबसे प्राचीन संस्कृति की झलक देखने को मिली. समारोह में महारानी के प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित प्रिंस चार्ल्स ने खेलों के शुरुआत की घोषणा की. उन्होंने इससे पहले कहा, ‘यह बहुत अच्छा है कि कॉमनवेल्थ गेम्स को मैत्री खेलों के रूप में जाना जाता है तथा विश्व में सबसे मित्रतापूर्ण व्यवहार करने वाले देश ने खेल आयोजन के लिए हमें अपने देश में आमंत्रित किया है.’ प्रिंस चार्ल्स अपनी पत्नी कैमिला पारकर के साथ जब परेड स्थल पर पहुंचे तो तालियों की गड़गड़ाहट के साथ उनका स्वागत किया गया. रॉयल जोड़ा बुधवार की सुबह ही ब्रिस्बेन पहुंचा था.

विरासत को बेहतरीन तरीके से पेश किया गया

समारोह की बात करें तो इसमें ऑस्ट्रेलियाई इतिहास विशेषकर यहां के मूल निवासियों की विरासत को बेहतरीन तरीके से पेश किया गया. यहां के मूल निवासियों को ब्रिटिश राज के दौरान सबसे अधिक यातनाएं सहनी पड़ी थीं. सबसे पहले एक आदिवासी परिवार मुख्य स्थल पर पहुंचा. इसमें डेलेवेन कोकाटू कोलिंस भी शामिल थे, जिन्होंने इन खेलों के पदक डिजाइन किए हैं. उनकी भतीजी इसाबेला ग्राहम ने उलटी गिनती शुरू की जो 65 हजार वर्षों से शुरू हुई. जब उलटी गिनती समाप्त हुई तो नीले रंग की आतिशबाजी की गई जो हमारी धरती का प्रतिनिधित्व कर रही थी. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के भूत, वर्तमान और भविष्य का काल्पनिक समारोह देखने को मिला. इसकी शुरूआत उस समय से हुई जब ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप अंटार्कटिका से जुड़ा था. इसका प्रतिनिधित्व सफेद रंग की व्हेल मिगालू ने किया जो लगभग हर वर्ष 12 हजार किमी की यात्रा करके अंटार्कटिका से उत्तरी क्वींसलैंड में बच्चों को जन्म देने के लिए आती है.

डेमियन राइडर ने थामी मशाल

समारोह का दिल छूने वाला क्षण बचपन में प्रताड़ना झेलने वाले डेमियन राइडर का मशाल अपने हाथ में लेना था. इसके बाद ही मशाल करारा स्टेडियम में पहुंची. राइडर बच्चों पर अत्याचार के खिलाफ मुहिम छेड़ने में सबसे आगे रहे हैं. इस बीच बारिश भी होती रही, लेकिन इससे ऑस्ट्रेलियाई दर्शकों का उत्साह कम नहीं हुआ, जिन्होंने परेड में भाग लेने वाले सभी 71 देशों के खिलाड़ियों का दिल खोलकर स्वागत किया.

परेड के लिए सबसे पहले आया स्कॉटलैंड

पिछले कॉमनवेल्थ गेम्स (2014) का मेजबान होने के कारण स्कॉटलैंड सबसे पहले परेड के लिए आया, जबकि वर्तमान मेजबान ऑस्ट्रेलिया का दल सबसे बाद में स्टेडियम में पहुंचा. ऑस्ट्रेलियाई ध्वजवाहक मार्क नोल्स थे जो वहां की पुरुष हॉकी टीम के कप्तान हैं. बाद में सच्ची खेल भावना के साथ खेलों में भाग लेने की खिलाड़ियों की शपथ दिलाई गई. कॉमनवेल्थ गेम्स आयोजन समित के चेयरमैन ने पीटर बैथी ने सभी का ऑस्ट्रेलिया, क्वींसलैंड और गोल्ड कोस्ट में स्वागत किया.