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सुनवाई के लिए कागजात नहीं देने पर हॉकी इंडिया के पूर्व अध्‍यक्ष राजिंदर सिंह को मिला कारण बताओ नोटिस

केन्द्रीय सूचना आयुक्त ने नोटिस जारी कर पूछा कि सांविधिक कार्य में बाधा उत्पन्न करने के लिए उन पर अधिकतम जुर्माना क्यों ना लगाया जाए

Bhasha

केन्द्रीय सूचना आयुक्त (सीआईसी) ने हॉकी इंडिया के पूर्व अध्यक्ष राजिंदर सिंह को सुनवाई के लिए कागजात नहीं मुहैया करने पर कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि सांविधिक कार्य में बाधा उत्पन्न करने के लिए उन पर अधिकतम जुर्माना क्यों ना लगाया जाए. सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत उस अधिकारी पर जुर्माने का प्रावधान है जो केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी के पद पर होता है.


भाजपा सांसद कीर्ति आजाद के मामले की सुनावाई करते हुए केन्द्रीय सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्यलु ने हॉकी इंडिया लीग के जुड़े प्रायोजन राशि, प्रायोजन पाने के लिए दिए गए कमीशन, वकीलों को किए गए भुगतान के अलावा कुछ और जानकारियों की मांगी थी. आजाद ने हॉकी इंडिया से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के बाद सूचना आयुक्त का दरवाजा खटखटाया था. मामले की सुनवाई के दौरान हॉकी इंडिया ने ऐसे कागजात पेश किए, जिससे ये साबित करने की कोशिश की गई कि आजाद भाजपा के एक सांसद को ‘कटघरे में खड़ा’ करना चाहते है. सूचना आयुक्त ने हॉकी इंडिया की इस दलील को खारिज कर दिया.

जानकारी को काले रंग से रंगा

हॉकी इंडिया के वकील ने आयुक्त के समक्ष जो सीलबंद लिफाफे में कागजात पेश किए. इन कागजातों में प्रायोजन से जुड़ी जानकारी को काले रंग से रंग दिया गया. आचार्यलु ने कहा कि इससे जाहिर होता है कि हॉकी इंडिया यह नहीं चाहता की आयुक्त मूल दस्तावेज और फोटो कापी के जरिए दस्तावेज देखे. श्रीधर ने कहा कि जब ऐसी जानकारियां छुपाई गई है तो लिफाफे को सीलबंद क्यों किया गया था? आयुक्त से इस तरह से जानकारी छुपाना नियमों के खिलाफ है, जो कि उनके प्रतिनिधि के द्वारा कानून का गंभीर उल्लंघन है.

उन्होंने कहा कि आमतौर पर वह सीपीआईओ रंजीत गिल को कारण बताओ नोटिस देते, लेकिन हॉकी इंडिया इतनी बड़ी और ताकतवार संस्था है कि उसके छोटे अधिकारी स्वतंत्र तौर काम नहीं कर सकते होंगे. आचार्यलु ने कहा कि आयुक्त 28 अगस्त को 2018 को इसके अध्यक्ष रहे राजिंदर सिंह (वह अब महासचिव है) को इसके लिए जिम्मेदार मानते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया.