view all

खेल रत्न न मिलने से खफा हैं पहलवान बजरंग, अदालत जाने की धमकी दी

‘मैं शुक्रवार खेल मंत्री से मिलूंगा. मेरे मेंटर योगी भाई (योगेश्वर दत्त) ने उनसे बात की है और मिलने के लिए समय लिया. मैं सिर्फ यह जानना चाहता हूं कि मेरी अनदेखी क्यों की गई.’

Bhasha

देश का प्रतिष्ठित राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार न मिलने से नाराज स्टार पहलवान बजरंग पूनिया ने गुरुवार को सरकार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की धमकी दी. बजरंग ने इस साल गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स और जकार्ता एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल हासिल किए थे. इस प्रदर्शन के आधार पर उन्हें भारतीय कुश्ती संघ द्वारा खेल रत्न के लिए नामांकित किया गया था.

लेकिन सरकार ने यह पुरस्कार संयुक्त रूप से भारतीय क्रिकेट कप्तान विराट कोहली और विश्व चैंपियन भारोत्तोलक मीराबाई चानू (48 किग्रा) को देने का फैसला किया. बजरंग इस फैसले से खफा हैं जिन्होंने 2013 विश्व चैंपियनशिप में भी ब्रॉन्ज मेडल जीता था. अब यह पहलवान शुक्रवार को इस मामले पर बात के लिए खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ से मिलेगा.


बजरंग ने नई दिल्ली में पत्रकारों से कहा, ‘मैं सचमुच निराश और हैरान हूं. मैं शुक्रवार खेल मंत्री से मिलूंगा. मेरे मेंटर योगी भाई (योगेश्वर दत्त) ने उनसे बात की है और मिलने के लिए समय लिया. मैं सिर्फ यह जानना चाहता हूं कि मेरी अनदेखी क्यों की गई. मैं इसका कारण जानना चाहता हूं. अब यह उनके हाथों में है. मैं यह जानना चाहता हूं कि मैं इसका हकदार हूं या नहीं. अगर मैं हकदार हूं तो तभी मुझे यह पुरस्कार दो.’

अदालत का दरवाजा खटखटाना अंतिम विकल्प

यह पूछने पर कि अगर वह खेल मंत्री को अपनी बात से सहमत नहीं कर सके तो क्या वह अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे, इस पर उन्होंने कहा, ‘यह मेरे लिए अंतिम विकल्प होगा. मुझे लगता है कि मैं इस साल इस पुरस्कार का हकदार था, इसलिए ही मैंने इसके लिए नामांकन भेजा था. किसी को भी पुरस्कार के लिए भीख मांगना अच्छा नहीं लगता, लेकिन किसी भी खिलाड़ी के लिए यह बड़ा सम्मान है और पहलवान का करियर काफी अनिश्वित होता है. किसी भी समय लगी चोट करियर खत्म कर सकती है.’

पिछले चार साल का प्रदर्शन साथ

उन्हें लगता है कि पिछले कुछ वर्षों में अपने निरंतर अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए वह इस सम्मान के हकदार थे. उन्होंने कहा, ‘मैंने इसकी उम्मीद नहीं की थी कि मुझे इस साल यह पुरस्कार नहीं मिलेगा. पिछले चार साल के मेरे प्रदर्शन को देखिए. पहले कोई अंक प्रणाली नहीं थी, लेकिन अब अंक प्रणाली आ गई है तो मुझे लगता है कि अब संख्याएं मेरे साथ हैं.’

विश्व चैंपियनशिप की तैयारियों पर पड़ा असर

बजरंग ने कहा कि खेल रत्न पुरस्कार की अनदेखी करने से उनकी विश्व चैंपियनशिप की तैयारियों पर बड़ा असर पड़ा है, जिसका आयोजन हंगरी के बुडापेस्ट में 20 से 28 अक्टूबर तक किया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘इस फैसले से मेरी विश्व चैंपियनशिप की तैयारियों पर प्रभाव पड़ा है. यह मेरे लिए करारा झटका था. यह मेरे लिए मुश्किल समय है. मुझे उम्मीद है कि मुझे अदालत का दरवाजा नहीं खटखटाना पड़ेगा और मैं अपनी तैयारियों पर ध्यान लगाऊंगा.’

इस मामले में कुश्ती संघ को बीच में नहीं लाएंगे

इस पहलवान ने जोर दिया कि उन्हें हर जगह से पूरा समर्थन मिल रहा है. लेकिन उन्होंने कहा कि वह इस मामले में भारतीय कुश्ती संघ को बीच में नहीं लाएंगे. उन्होंने कहा, ‘मैंने इस मामले में संघ से बात नहीं की. उन्होंने मेरे नाम को आगे बढ़ाया था जिसका मतलब है कि वे मेरे साथ हैं. लेकिन यह मेरी निजी लड़ाई है.’  राष्ट्रीय खेल पुरस्कार इस साल 29 अगस्त के बजाय 25 सितंबर को दिये जाएंगे, क्योंकि निर्धारित तारीख के समय एशियाई खेल चल रहे थे.