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बैडमिंटन संघ ने कम की गोपीचंद की ताकत,जूनियर टीम में नहीं रहा अब कोई दखल

ज्वाला गुट्टा बनीं जूनियर सलेक्शन कमेटी की सदस्य और डबल्स की कोच

Sumit Kumar Dubey

पिछले कुछ दिनों से बैडमिंटन में कोच गोपीचंद के पर कतरने की खबरें आखिरकार सही सबित हुई हैं. भारतीय बैडमिंटन संघ ने अपनी नई कोचिंग और सेलेक्शन कमेटियों का ऐलान कर दिया. है. बतौर चीफ नेशनल कोच गोपीचंद का पद तो बरकार रखा गया है लेकिन उनके साथ साथ कोचिंग पैनल में और भी लोग जोड़े गए हैं .साथ ही सायना नेहवाल के कोच विमल कुमार को सीनियर टीम के अलावा जूनियर टीम के की  सेलेक्शन कमेटी में  भी जगह दी गई है.

वहीं दूसरी ओर अब जूनियर टीम में गोपीचंद का कोई दखल नहीं बचा है. गोपीचंद की कड़ी आलोचक और महिला डबल्स की खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा को डबल्स की कोच तो बनाया ही गया है साथ ही उन्हें जूनियर टीम के सलेक्शन पैनल में भी जगह दी गई है.


फ़र्स्टपोस्ट हिंदी ने पहले भी अपनी एक खबर में बताया था कि किस तरह बैडमिंटन संघ में गोपीचंद के कद को कम करने की कोशिशें की जा रहीं हैं. कुछ दिन पहले हुई संघ की एक्जीक्यूटिव कमेटी की मीटिंग में हितों के टकराव के बहाने गोपीचंद पर निशाना साधा गया था.

लेकिन अब बैडमिंटन संघ द्वारा घोषित की गई नई सलेक्शन कमेटियों में कई कोचों को रखा गया है. संघ का यह फैसला गोपीचंद को निशाना बनाने के लिए उठाए गए हितों के टकराव के मुद्दे के ठीक विपरीत है. यानी साफ है कि बैडमिंटन संघ में गोपीचंद के कद को कम करने के लिए हर तरह के हथकंडो का इस्तेमाल किया जा रहा है.

मौजूदा वक्त में जहां गोपीचंद के शिष्य इंटरनेशनल स्तर पर नए नए कीर्तिमान रच रहे हैं वहीं दूसरी ओर उनपर अंकुश लगाने की यह कोशिश भारतीय बैडमिंटन की तरक्की लिए विपरीत साबित हो सकती है.