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पत्नी मिर्का की वजह से इतने सालों से खेल पा रहा हूं टेनिस- फेडरर

रोजर फेडरर ने ऑस्ट्रेलियाई ओपन खिताब जीतने के बाद अपनी पत्नी मिर्का को श्रेय दिया कि उन्होंने ही उन्हें प्रेरित किया जिसकी वजह से 36 साल की उम्र में भी इतने मजबूत बने हुए हैं

Bhasha

रोजर फेडरर ने ऑस्ट्रेलियाई ओपन खिताब जीतने के बाद अपनी पत्नी मिर्का को श्रेय देते हुए कहा कि उन्होंने ही उन्हें प्रेरित करना जारी रखा जिससे वह 36 साल की उम्र में भी इतने मजबूत बने हुए हैं.

फेडरर ने मेलबर्न पार्क में छठा ऑस्ट्रेलियन ओपन और 20वां ग्रैंडस्लैम अपने नाम किया. उन्होंने 15 साल पहले 2003 में विंबलडन में अपना पहला मेडल खिताब जीता था, लेकिन वह फिर भी उनका उम्र को पछाड़कर ट्रॉफियां जीतने का सिलसिला जारी है.


उन्होंने कहा कि हर कदम पर साथ देने वाली साथी का होना उनकी सफलता का राज है जिससे वह जो पसंद करते हैं, उसे करना जारी रखते हैं. मिर्का उनके ज्यादातर बड़े मुकाबलों में कोर्टसाइड पर बैठी होती हैं जबकि देखभाल करने के लिए उनके चार बच्चे हैं जिनकी जिम्मेदारी वह अकेले उठाती हैं.

यह पूछने पर कि क्या चीज उन्हें इस तरह का प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करती है तो उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि ‘ज्यादा मुकाबले नहीं खेलना’, हर संभव टूर्नामेंट में नहीं खेलना.’

फेडरर ने कहा, ‘मुझे अभ्यास करना पसंद है, यात्रा करने से गुरेज नहीं करता. मेरी टीम शानदार है, वे इसे संभव बनाते हैं. ’

इसके बाद उन्होंने मिर्का को श्रेय देते हुए कहा, ‘फिर, निश्चित रूप से मेरी पत्नी जो यह सब संभव करती है. उनके सहयोग के बिना, मैं इतना टेनिस नहीं खेल रहा होता जो मैं इतने वर्षों से कर रहा हूं.’

फेडरर ने कहा, ‘लेकिन हमने काफी वर्षों पहले इस पर काफी खुली चर्चा की, कि क्या वह ऐसा करके खुश होंगी या नहीं. मैं खुश हूं कि वह काफी ज्यादा सहयोग करती हैं और वह बच्चों की सबसे बड़ी जिम्मेदारी का ज्यादातर भार लेने के लिए तैयार रहती हैं.’

उन्होंने कहा, ‘मेरे साथ भी ऐसा ही है क्योंकि मैं भी दो हफ्ते से ज्यादा समय तक बच्चों से दूर नहीं रहना चाहता. लेकिन ऐसा संभव नहीं होता, अगर वह इन सब के लिए ‘ना’ बोल देती.’

फेडरर को खुशी होती है कि उनके माता-पिता भी उन्हें खेलते देखकर खुश होते हैं.

उन्होंने कहा, ‘मेरे अभिभावक मुझे खेलते हुए देखकर काफी गर्व महसूस करते हैं. वे मेरे टूर्नामेंट में खेलने का लुत्फ उठाते हैं. जिससे मुझे खुशी होती है और मैं बेहतर खेलता हूं.’