इंटरनेशनल लेवल पर ऐसा मौका मुश्किल ही देखने को मिलता है, जब मेडल सेरेमनी में तीनों झंडे भारत के ही हो और ऐसा ही मौका आया एशियन पैरा गेम्स, जब हाई जम्प में गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज तीनों ही मेडलिस्ट भारत के रहे. गत चैंपियन शरद कुमार ने हाई जम्प टी42/63 वर्ग में दो नए रिकॉर्ड के साथ गोल्ड, रियो ओलिंपिक ब्रॉन्ज मेडलिस्ट वरुण भाटी ने सिल्वर और ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट मरियप्पन ने ब्रॉन्ज अपने नाम किया. भारत ने छठें दिन इन मेडल सहित कुल 13 मेडल जीते और इसके साथ भारत ने 50 का आंकड़ा भी छू लिया है. भारत ने पहली बार 50 मेडल जीते हैं. बचपन में पोलियो की गलत दवाई पिलाने के कारण बाएं पैर से पैरालाइज हुए 26 साल के शरद ने 1.90 मीटर की कूद के साथ एशिया और एशियन गेम्स का रिकॉर्ड बनाया. वरुण ने 1.82 मीटर और मरियप्पन ने 1.67 मीटर जंप के साथ क्रमश सिल्वर और ब्रॉन्ज जीता.
इसके अलावा जेवलिन थ्रोअर सुंदर सिंसिंह गुर्जर ने पुरुषों की एफ46 वर्ग में सिल्वर मेडल अपने नाम किया. जबकि पैरालिंपिक में दो बार के गोल्ड मेडलिस्ट देवेंद्र झाझरिया चौथे स्थान पर रहे. इसी स्पर्धा में रिंकू ने ब्रॉन्ज मेडल जीता. एफ46 विकलांगता शरीर के ऊपरी हिस्से के किसी अंग की कमजोरी से जुड़ा है.भारत ने पुरुषों की 400 मीटर दौड़ टी13 में भी ब्रॉन्ज मेडल जीता. उसको यह मेडल अवनिल कुमार ने दिलाया. टी13 आंखों में कम रोशनी से जुड़ा वर्ग है. अवनिल कुमार ने 52 सेकेंड का समय निकाला. ईरान के ओमिद जारिफसनायेई ने 51.41 सेकेंड के साथ गोल्ड जबकि थाईलैंड के सोंगवुट लैमसन ने सिल्वर मेडल. अवनिल कुमार मामूली अंतर से सिल्वर मेडल से चूक गए.