अगले महीने से इंडोनेशिया में शुरू हो रहे एशियन गेम्स जहां भारत के कई एथलीट्स का भविष्य निर्धारित करेंगे वहीं विद्शी कोचों की किस्मत भी एशियाड के प्रदर्शन पर टिकी है.
भारतीय खेल प्राधिकरण यानी साइ की चीफ नीलम कपूर का कहना है कि इन खेलों के बाद एथलीट्स और उनके कोचों के प्रदर्शन की समीक्षा होगी और इसी के आधार पर जहां खिलाड़ियो के ‘टॉप्स’ में बने रहने और विदेशी कोचों के करार पर फैसला किया जाएगा.
एशियाई खेल और 2020 ओलिंपिक की तैयारी की ट्रेनिंग के लिए टाप्स योजना के तहत लगभग 180 खिलाड़ियों को अभी सरकार से वित्तीय सहायता मिल रही है।
नीलम कपूर ने संवाददाताओं से कहा, ‘ हम टाप्स का पूरी तरह से पुनर्गठन करेंगेच सबसे पहले एशियाई खेलों के बाद हम एशियाई खेलों के लाभार्थियों की पूर्ण समीक्षा करेंगे. कई खिलाड़ियों को एशियाई खेलों को देखते हुए इस सूची में शामिल किया गया है.
यह पूछने पर कि क्या लाभार्थियों की संख्या में भारी कमी हो सकती है , उन्होंने कहा, ‘ एशियाई खेलों के खत्म होने का इंतजार कीजिए.
उन्होंने कहा, ‘ इसमें शीर्ष पर हाइ परफोर्मेंस मैनेजर होगा और एथलीट रिलेशन मैनेजर भी होगा जो टॉप खिलाड़ियों के संपर्क में होगा. यह अधिक केंद्रित होगा.इसके पीछे विचार सर्वश्रेष्ठ पेशेवर प्रबंधन लाना है जो अपने काम में जवाबदेह और पारदर्शी हो.’
(एजेंसी इनपुट के साथ)