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Asian Games history: स्वतंत्र भारत ने 1951 में पहली बार की थी पूरे एशिया की मेजबानी

पहले एशियन गेम्स की मेजबानी का गौरव भारत की राजधानी नई दिल्ली को मिला

FP Staff

इंडोनेशिया के जकार्ता और पालेमबेंग में होने वाले 18वें एशियन गेम्स की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है. 18 अगस्त को इन खेलों का आगाज होगा. चार साल बाद होने वाले इन खेलों में 45 देशों के खिलाड़ी भाग ले रहे हैं. ओलिंपिक के बाद ये दूसरे सबसे बड़े बहु-स्पर्धी खेल हैं. इन्हें एशियाड के नाम से भी जाना जाता है. 1951 से लेकर 1978 तक इन खेलों का आयोजन एशियन गेम्स फेडरेशन (एजीएफ) द्वारा किया जाता था, लेकिन 1982 से यह एशियाई ओलिंपिक परिषद (ओसीए) द्वारा आयोजित किए जा रहे हैं. अभी तक नौ देशों को ही इन खेलों की मेजबानी का मौका मिला है.

फॉर ईस्टर्न गेम्स से पड़ी नींव


एशियाई खेलों से पहले इन खेलों को फॉर ईस्टर्न गेम्स के नाम से जाना जाता था. पहली बार मनीला में इन खेलों का आयोजन किया गया था. उसके बाद 1934 तक लगातार यह खेल आयोजित होते रहे. 1937 में चीन-जापान युद्ध प्रारंभ होने के पश्चात 1938 में ओसाका (जापान) में होने वाले इन खेलों को रद कर दिया गया. विश्व युद्ध के बाद 1948 में लंदन में हुए ओलिंपिक खेलों में एक बार फिर फॉर ईस्टर्न गेम्स को शुरू करने पर चर्चा की गई. भारतीय अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के तत्कालीन प्रतिनिधि गुरु दत्त सोंधी इन खेलों की बहाली के पक्ष में नहीं थे. उन्होंने खेल प्रतिनिधियों के सामने नए प्रारूप में एशियन गेम्स के रूप में इनके आयोजन का प्रस्ताव रखा जिसे सभी ने मान लिया.

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद कई एशियाई राष्ट्रों को स्वतंत्रता प्राप्त हुई. नव स्वतंत्र एशियाई देशों ने एक ऐसी प्रतियोगिता के आयोजन का समर्थन किया जिसके द्वारा विश्व को एशियाई प्रभुत्व दिखाया जा सके. एशियन एथलेटिक्स फेडरेशन ने भी इस पर अपनी मुहर लगा दी और इसका प्रारूप तैयार करने के लिए एक समिति गठित दी. 13 फरवरी, 1949 को एशियन एथलेटिक्स फेडरेशन की एशियन गेम्स फेडरेशन के साथ पहली बैठक हुई. बैठक में पहले एशियन गेम्स 1950 में जाकर करवाने की घोषणा की गई. लेकिन ढांचागत तैयारियों के चलते इन खेलों को आगे खिसकाना पड़ा.

नई दिल्ली में हुए थे पहले एशियन गेम्स

पहले एशियन गेम्स की मेजबानी का गौरव भारत की राजधानी नई दिल्ली को मिला. ये खेल चार से 11 मार्च कर आयोजित किए गए. 11 देशों के 489 खिलाड़ियों ने आठ खेलों की 57 स्पर्धाओं में अपनी चुनौती पेश की. जापान को लंदन ओलिंपिक में हिस्सा लेने नहीं दिया गया था और एशियन गेम्स फेडरेशन की संस्थापक बैठक में भी वो शामिल नहीं हुआ मगर इन खेलों में उसने हिस्सा लिया. मगर कोरिया इस बैठक में कोरिया युद्ध के चलते शरीक नहीं हुआ. इन खेलों का उद्घाटन भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने किया था और मेजर ध्यान चंद नेशनल स्टेडियम में ये कार्यक्रम हुआ था.

दूसरे स्थान पर रहा भारत

इन खेलों में भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 15 स्वर्ण, 16 रजत और 20 कांस्य पदक सहित कुल 51 पदक जीतकर दूसरे स्थान पर कब्जा जमा लिया. जापान 24 स्वर्ण सहित कुल 60 पदक जीतकर शीर्ष पर रहा. ईरान आठ स्वर्ण सहित कुल 16 पदक जीतकर तीसरे स्थान पर रहा.

(फोटो साभार- विकीपीडिया)