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69 मेडल@69 कहानियां: विश्‍वास के साथ विकास का य‍ह तो वापसी का साल था, धोखा दिया तो चोट ने

कहानी 22: 2016 ओलिंपिक्स के क्वार्टर फाइनल में हारे. 2017 में एशियन चैंपियनशिप के सेमीफाइनल से हटे. वर्ल्ड सीरीज बॉक्सिंग की तरफ कदम बढ़ाया तो फेडरेशन से चेतावनी मिली

FP Staff

विकास कृष्ण का नाम आते ही एक और शब्द सामने आता है, दुर्भाग्य. 75 किलो वर्ग बॉक्सिंग में विकास से गोल्ड से कम की उम्मीद नहीं थी. चोट के बावजूद उन्होंने इतना तो तय कर लिया कि वो कोई न कोई पदक जीतकर लौटेंगे. लेकिन सेमीफाइनल में चोट की वजह से उन्हें हटना पड़ा. डॉक्टर्स ने कहा कि अगर वो लड़ते हैं तो आंख को गहरा नुकसान पहुंच सकता है. चीन के बॉक्सर का पंच उनकी आंख पर लगा था, जिससे उन्हें धुंधला नजर आने लगा. डॉक्टर ने कहा कि अगर वो लड़ते हैं, तो रेटिना को बहुत नुकसान पहुंच सकता है. 2010 में गोल्ड और 2014 में ब्रॉन्ज जीतने वाले विकास के लिए यह झटके से कम नहीं था.

हरियाणा के हिसार में 1992 में जन्म विकास ने भिवानी में बॉक्सिंग सीखना शुरू किया था, जिसे मिनी क्यूबा कहा जाता है. ऐसा लगा कि अखिल से लेकर विजेंदर तक, एक परंपरा को वो आगे बढ़ाने के लिए परफेक्ट नाम हैं.


कुछ समय पहले ही उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीता था. एकतरफा मुकाबले में वो जीते थे. उन्होंने 2010 एशियन गेम्स के गोल्ड से पहले यूथ ओलिंपिक्स का ब्रॉन्ज जीता था. 2011 वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज जीता. ऐसा करने वाले वो महज चौथे भारतीय बने.

विकास 2016 ओलिंपिक्स के क्वार्टर फाइनल में हारे थे. तब उन्होंने कहा था कि समझ आ रहा है कि हममें और दुनिया के बेस्ट बॉक्सर्स में कितना बड़ा फर्क है. 2017 में एशियन चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में उन्होंने मैच से हटने का फैसला कर लिया और वर्ल्ड सीरीज बॉक्सिंग की तरफ कदम बढ़ाया. फेडरेशन से चेतावनी मिली. वो दौर था, जो भारतीय बॉक्सिंग के लिए बहुत खराब माना जा सकता है. इसी दौरान कलाई में चोट लगी. 2018 एक तरह से उनकी वापसी का साल था. लेकिन एशियन गेम्स मे चोट ने उन्हें चकमा दे दिया.