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69 मेडल@69 कहानियां: उम्मीदों से ज्यादा था विवादों का दबाव, लेकिन गोल्ड के लिए नहीं छोड़ी कोई कसर

कहानी 9: तमाम विवादों के बाद रोहन बोपन्ना और दिविज शरण को खुद को साबित करने का दबाव था

FP Staff

भारत के अनुभवी खिलाड़ी लिएंडर पेस डबल्‍स में ‘विशेषज्ञ’ जोड़ीदार नहीं मिलने के कारण एशियाई खेलों से हट गए थे. पेस को जूझ रहे एकल खिलाड़ी सुमित नागल के साथ जोड़ी बनाने को कहा गया था, क्योंकि अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) देश के शीर्ष युगल खिलाड़ियों रोहन बोपन्ना और दिविज शरण की उनके आग्रह पर जोड़ी बनाने को सहमत हो गया था. पेस पहले ही टॉप योजना से बाहर किए जाने से नाराज थे, लेकिन इस 45 वर्षीय खिलाड़ी ने खुद को एशियाई खेलों के लिए उपलब्ध रखा था, जहां उन्होंने पांच गोल्‍ड सहित आठ पदक जीते.


समाम विवादों के बाद रोहन बोपन्ना और दिविज शरण को खुद को साबित करने का दबाव था. अनुभवी टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना और दिविज शरण की जोड़ी ने शानदार प्रदर्शन कर जकार्ता में 18वें एशियन गेम्स में छठे दिन भारत को स्वर्ण पदक दिलाया. बोपन्ना और शरण की जोड़ी ने पुरुष डबल्स वर्ग का स्वर्ण पदक अपने नाम किया. भारतीय जोड़ी ने खिताबी मुकाबले में कजाखस्तान की एलेक्जेंडर बुबलिक और डेनिस येवसेव की जोड़ी को सीधे सेटों में 6-3, 6-4 से मात देकर जीत हासिल की. वही पुरुष सिंगल्स में अकेले भारतीय बचे प्रजनेश गुणेश्वरन को सेमीफाइनल में उज्बेकिस्तान के डेनिस इस्तोमिन से 2-6 2-6 से हारकर कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा. हालांकि यह मुकाबला स्कोरलाइन से ज्यादा प्रतिस्पर्धी रहा.