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Asian Games 2018: मुश्किल समय ने शिव थापा को बड़ी चुनौतियों के लिए किया तैयार

शिव पिछली बार एशियाई खेलों के क्वार्टर फाइनल में हार गए थे, उन्होंने कहा कि मुश्किल हालात का मतलब विफलता नहीं है

Bhasha

एशियाई खेलों में पहले मेडस पर नजर टिकाए बैठे अनुभवी भारतीय मुक्केबाज शिव थापा का मानना है कि सफलता आपको आगे बढ़ाती है लेकिन मुश्किल हालात आपको वह सबक देते हैं जो कोई नहीं सिखा सकता.

लगातार तीन एशियाई चैंपियनशिप (2013 में स्वर्ण, 2015 में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले एकमात्र भारतीय मुक्केबाज शिव इंडोनेशिया में 18 अगस्त से शुरू हो रहे एशियाई खेलों के साथ दूसरी बार इस महाद्वीपीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे.


शिव पिछली बार एशियाई खेलों के क्वार्टर फाइनल में हार गए थे. उन्होंने कहा कि मुश्किल हालात का मतलब विफलता नहीं है.

विश्व चैंपियनशिप में मेडल जीतने वाले चार भारतीय मुक्केबाजों में से एक शिव ने कहा, ‘मुझे लगता है कि मुश्किल हालात बेहतर शिक्षक होते हैं. यह आपको मजबूत बनाते हैं और जब आप वापसी करते हैं तो यह सबसे शानदार अहसास होता है.’

उन्होंने कहा, ‘सफलता निश्चित तौर पर आपको आगे बढ़ाती है और आपके अंदर आत्मविश्वास लाती है लेकिन मुश्किल हालात धनुष की तरह होते हैं, आप इसको जितना पीछे खींचोगे उतनी ही तेजी से आगे जाओगे. सफलता भी आपको सीख देती है लेकिन कई बार आप आत्ममुग्ध हो जाते हो लेकिन मुश्किल हालात जैसा मजबूत आपको कोई नहीं कर सकता.’

60 किग्रा आने के बाद सबसे बड़ी प्रतियोगिता एशियन गेम्स

एशियाई खेलों के संदर्भ में शिव ने कहा, ‘एशियाई खेल मेरे लिए काफी मायने रखते हैं. मैं आपको बता नहीं सकता कि यह क्या मायने रखते हैं. यह बड़ी चुनौती है और मैं इस चुनौती के लिए तैयार हूं. 2016 में 60 किग्रा वर्ग में आने के बाद यह सबसे बड़ी प्रतियोगिता है और मैं इसका इंतजार कर रहा हूं.’

पिछला एक साल शिव के लिए उतार चढ़ाव भरा रहा. उन्होंने 60 किग्रा में आने के बाद मई 2017 में एशियाई चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता जो इस वर्ग में उनका पहला अंतरराष्ट्रीय मेडल था.

विश्व चैंपियनशिप में मेडल के प्रबल दावेदार शिव हालांकि पहले दौर के मुकाबले से पहले फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गए और रिंग में नहीं उतर पाए.

इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय चैंपियनशिप में सिल्वर और इंडिया ओपन में ब्रॉन्ड मेडल जीता. वह हालांकि राष्ट्रीय फाइनल्स में मनीष कौशिक के खिलाफ शिकस्त के कारण गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाए.