कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए चुनी गयी टीम में जगह ना मिलने से हॉकी खिलाड़ी सरदार सिंह का आत्मविश्वास डगमगा गया था लेकिन महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर से फोन पर हुई बातचीत ने उन्हें और कड़ा अभ्यास करने के लिए प्रेरित किया जिससे वह राष्ट्रीय टीम में फिर से जगह पक्की कर सके.
एशियाई खेलों में टीम के खराब प्रदर्शन के बाद 32 साल के इस करिश्माई मिडफिल्डर ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय हॉकी को अलविदा कह दिया.
कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए अनदेखी किए जाने के बाद सरदार सिंह ने तेंदुलकर से बातचीत कर उनकी सलाह के मुताबिक काम किया और जिससे उन्होंने सफलतापूर्वक वापसी कर चैंपियंस ट्रॉफी में टीम को सिल्वर मेडल दिलाने में अहम भूमिका निभाई.
सरदार ने कहा, ‘सचिन पाजी मेरे लिए प्रेरणास्रोत है. पिछले 3-4 वर्षों में उन्होंने मेरी काफी मदद की, जो मेरे लिए काफी मुश्किल समय था.’
उन्होंने कहा, ‘ऐसा कोई भी मौका नहीं था जब उन्होंने मेरी मदद ना की हो. कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए चुनी गई टीम से बाहर होने के बाद मैंने उनसे पूछा कि जब वह शून्य पर आउट हो जाते है तो क्या करते है.’
भारतीय हाकी टीम के पूर्व कप्तान ने कहा, ‘तेंदुलकर ने लगभग 20 मिनट तक मुझसे बात की और मुझे सलाह दी कि आलोचनाओं को भूल कर खुद को प्रेरित करूं और खेल पर ध्यन केंद्रित करूं. उन्होंने मुझसे मेरे पुराने वीडियो फुटेज का विश्लेषण करने की सलाह देने के साथ ही नैसर्गिक हाकी खेलने को कहा जिससे मुझे वापसी करने में मदद मिली.’